भारत चंद्रयान के बाद समुद्रयान की तैयारी क्यों कर रहा? जानिए क्या है ये मिशन
इस समुद्रयान का नाम होगा मत्सयान 6000, जिसमें तीन वैज्ञानिक सवार होंगे. इसे यान को चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी में तैयार किया गया है. इसे बंगाल की खाड़ी में लॉन्च किया जाएगा.
भारत के वैज्ञानिक अब आसमान से लेकर पाताल तक को तलाशने में जुट गए हैं. चंद्रयान की कामयाबी के बाद अब साइंटिस्ट समुद्रयान की तैयारी कर रहे हैं. इसके जरिए वैज्ञानिक समुद्र के गहरे तल में छिपी उन जानकारियों को इकट्ठा करेंगे जो अब तक दुनिया के सामने नहीं आ पाई हैं. भारत के लिए ये मिशन बेहद खास है, क्योंकि आज से पहले इतने व्यापक तरह का प्रयास भारत की ओर से नहीं किया गया था. चलिए आपको इस मिशन से जुड़ी कुछ और खास जानकारियां देते हैं.
समुद्रयान मिशन क्या है
भारत सरकार की ओर शुरू होने वाला ये पहला मिशन है जिसमें कोई आदमी समुद्रयान में बैठकर समुद्र की गहराइयों में शोध करने के लिए जाएगा. इससे पहले समुद्र की गहराइयों में जितने भी शोध हुए, सब में अंदर सिर्फ मशीन गई थी. जबिक वैज्ञानिक बाहर से ही इसके परिणामों पर शोध करते थे. बताया जा रहा है कि ये समुद्रयान समुद्र की गहराई में 6 किलोमीटर तक अंदर जा सकता है. इसके साथ ही इस यान की सबसे खास बात ये है कि इसे 12 घंटे तक सामान्य मिशन और 96 घंटे तक आपातकाल मिशन के लिए डिजाइन किया गया है. यानी अगर मिशन के दौरान कोई दिक्कत आ भी जाती है तो इसमें मौजूद वैज्ञानिकों को 96 घंटे तक कुछ नहीं होगा.
कब लॉन्च होगा ये मिशन
इस मिशन को लॉन्च होने में अभी लगभग एक साल का समय है. भारत सरकार का कहना है कि इस मिशन को अगले साल बंगाल की खाड़ी में लॉन्च किया जाएगा. इस समुद्रयान का नाम होगा मत्सयान 6000, जिसमें तीन वैज्ञानिक सवार होंगे. इसे यान को चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी में तैयार किया गया है. आपको बता दें कि अगर भारत इस मिशन में कामयाब हो गया तो फिर ये भी दुनिया के उन देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास ये तकनीक है. अब तक अमेरिका, चीन, जापान, फ्रांस और रूस के पास ही ये तकनीक मौजूद है.
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