चीन ने एक बार फिर से दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. चीन में फैले ह्मयूमन मेटा न्यूमोवायरस (HMPV) नाम के वायरस से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. वहीं अब ह्मयूमन मेटा न्यूमोवायरस का केस भारत में आने के बाद हर कोई सतर्क हो चुका है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कोई भी वायरस भारत में सबसे पहले केरल में ही क्यों आता है. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे. 


चीन के नए वायरस को लेकर सरकार अलर्ट 


चीन में फैले कोरोना जैसे ह्मयूमन मेटा न्यूमोवायरस का भारत में अब तक छह केस सामने आ चुका हैं। वहीं अहमदाबाद में सोमवार को 2 महीने के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का संक्रमण मिला है. इससे पहले सोमवार सुबह कर्नाटक में 3 महीने की बच्ची और 8 महीने के बच्चे में यह वायरस मिला था। बता दें कि दोनों बच्चों की जांच बेंगलुरु के एक अस्पताल में की गई थी. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भी पांच महीने के बच्चे में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं. तमिलनाडु के चेन्नई में भी दो बच्चे संक्रमित मिले हैं. नए वायरस को लेकर भारत सरकार अलर्ट है. 


केरल में वायरस का खतरा ज्यादा?


केरल में सभी वायरस का खतरा ज्यादा रहता है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी कहा था कि वर्तमान में चीन में फैल रही एचएमपीवी वायरस आमतौर पर सर्दियों के समय ज्यादा एक्टिव हो जाती है. उन्होंने कहा कि भले ही यह वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहने की जरूरत है. बता दें कि कोरोना वायरस का पहला मामला केरल में ही आया था. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केरल के लोग दुनियाभर में मौजूद हैं, इसलिए यहां के लोगों को खासकर बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती महिलाओं को मास्क लगाएं तो बेहतर होगा.


कितना खतरनाक है HMPV वायरस?


बता दें कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) काफी खतरनाक है. जानकारी के मुताबिक ये एक एयरबोर्न डिजीज यानी वायुजनित रोग है. एक्सपर्ट के मुताबित हवा के जरिए ये वायरस तेजी फैलता है,जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. वहींएचएमपीवी अक्सर सर्दी में अधिक फैलता है और इसमें खांसी, बुखार, नाक बहना और गले में खराश शामिल हैं.


केरल में क्यों आता है कोई वायरस पहले?


अब सवाल ये है कि केरल में ही सबसे पहले किसी वैश्विक बीमारी के मरीज क्यों मिलते हैं? बता दें कि इसका कारण यह है कि केरल की एनआरआई आबादी यानी विदेश में रहने वालों की संख्या करीब 22 लाख है. वहीं इसमें दक्कन हेराल्ड के मुताबिक इनमें एक बड़ा हिस्सा गल्फ कंट्रीज यानी खाड़ी देशों में काम करने वालों का है. वहीं इसके अलावा विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए बाहर जाने वाले छात्रों की संख्या भी सबसे ज्यादा है. यही कारण है कि 2020 में देश का सबसे पहला कोविड मामला चीन से आए भारतीय छात्र में पाया गया था, जो केरल का रहने वाला था.


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