RIP: किसी की मौत के बाद क्यों कहा जाता है RIP? इस शब्द को लेकर लोग अक्सर करते हैं ये गलती!
दरअसल, लोग RIP को 'Rip' लिख देते हैं. Rip का मतलब होता है काटना. ऐसे में लोग दुख प्रकट करने के चक्कर में अनजाने में उसे काटना लिख देते हैं.
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RIP: जब किसी की मौत हो जाती है तो आपने लोगों को RIP शब्द का इस्तेमाल करते देखा होगा और शायद आपने भी इसका इस्तेमाल किया हो. हम जानते हैं कि किसी के मौत के बाद RIP कहा जाता है. देखा जाए तो असल में RIP एक शॉर्टफ़ॉर्म है, लेकिन आजकल लोग इसे शब्द के तौर पर इस्तेमाल करने लगे हैं. हम में से बहुत से लोग तो ऐसे भी हैं, जिन्हे इस शब्द का सही अर्थ भी नही पता है. सही अर्थ पता न होते हुए भी लोग अपना दुख व्यक्त करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं. अगर आप भी इसका सही अर्थ नही जानते हैं तो आज हम आपको RIP शब्द का सही मतलब बताने जा रहे हैं.
यह है RIP का मतलब
शायद कुछ लोग इसका मतलब जानते हों, लेकिन ज्यादातर लोग इस शब्द के अर्थ से अनजान हैं. लोग इस शब्द का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन इसका पूरा अर्थ नहीं जानते हैं. आज हम आपको इस शब्द का सही मतलब बताएंगे. आपने गौर किया हो, लोग RIP को 'Rip' लिख देते हैं. Rip का मतलब होता है काटना. ऐसे में लोग अपना दुख प्रकट करने के चक्कर में अनजाने में उसे काटना लिख देते हैं. आइए जानते हैं कि इसकी लिखने का सही तरीका क्या है और इसका मतलब क्या होता है.
यहां से आया RIP शब्द
RIP एक Acronym है, जिसका फुल फॉर्म ‘Rest In Peace' है. आप सोच रहे होंगे कि यहां तक तो सभी जानते हैं, फिर इसमें अलग क्या है? हम आपको बताते हैं, दरअसल Rest In Peace शब्द की उत्पत्ति लैटिन फ्रेज Requiescat In Pace से हुई. Requiescat In Pace का अर्थ होता है- शांति से सोना. हिंदी में इसका संदर्भ आत्मा को शांति मिले से है. ईसाई धर्म में मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा और शरीर अलग हो जाते हैं और जजमेंट डे के दिन दोनों फिर से एक हो जाएंगे.
18वीं शताब्दी से हुई शुरुआत
18वीं शताब्दी में माना जाता था कि अगर किसी व्यक्ति की मौत चर्च की शांति में होती है तो उसकी आत्मा का मिलन जीसस क्राइस्ट से होता है. उस समय ऐसी स्तिथि में Requiescat In Pace शब्द का इस्तेमाल होता है. RIP शब्द का इस्तेमाल 18वीं शताब्दी से होना माना जाता है. 5वीं शताब्दी में मरने के बाद लोगों की कब्रों पर Requiescat In Pace शब्द लिखे मिले हैं. सबसे पहले ईसाई धर्म में इस शब्द का प्रचलन बढ़ा और बाद में यह शब्द ग्लोबल हो गया. अब दुनियाभर में लोग किसी की मृत्यु हो जाने पर इसी शब्द का इस्तेमाल करते हैं.
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