ऑक्सीजन के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि क्यों हम ऑक्‍सीजन के अलावा अन्‍य गैस को सांस के रूप में नहीं लेते हैं. दरअसल अमेर‍िका के एक बॉयोलॉज‍िस्‍ट ने इसका जवाब दिया है, जो बेहद दिलचस्‍प है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. 


सांस लेना क्यों जरूरी


किसी भी इंसान के लिए सांस लेना उतना ही जरूरी है, जैसे जिंदा रहने के लिए पानी और भोजन की जरूरत होती है. दरअसल सांस भी हमारे शरीर को आवश्यक ऊर्जा की आपूर्ति करता है, जिससे सारे अंग काम करते हैं. ये हमारे शरीर के ल‍िए ईंधन की तरह काम करता है. बता दें कि ऑक्सीजन के बिना माइटोकॉन्ड्रिया इन्‍हें ऊर्जा के रूप में नहीं बदल पाएगा. इसके अलावा कुछ बैक्टीरिया और कुछ छोटे जानवरों को छोड़कर सभी जीवित चीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है.


ऑक्‍सीजन की जरूरत


क्‍या आप जानते हैं कि ऑक्‍सीजन लेने के कई तरीके होते हैं. सांस लेना उनमें से सिर्फ एक तरीका है. जब आप सांस लेते हैं, तो आपके फेफड़े अस्थायी रूप से ऑक्सीजन रोक लेते हैं. जिससे यह आपके फेफड़ों की बहुत पतली सतहों से होकर आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाती है. वहां इसकी बहुत जरूरत होती है. 


हवा में सिर्फ 21 फीसदी ऑक्‍सीजन


हवा में सिर्फ 21 फीसदी ऑक्‍सीजन है, बाकी नाइट्रोजन गैस होता है. इसका मतलब है क‍ि पूरे फेफड़े के बराबर ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए पांच बार सांस लेना जरूरी है. बता दें कि जब आप सांस लेते हैं, तो केवल कुछ ऑक्सीजन ही आपके रक्तप्रवाह में पहुंचता है. इस दौरान कई कोश‍िकाएं भूखी रह जाती हैं. इसल‍िए हमें बार-बार सांस लेने की जरूरत होती है. वहीं जब माइटोकॉन्ड्रिया ऊर्जा बनाता है, तो एक तरह का धुआं बाहर निकालता है, जो कार्बन डाईऑक्‍साइड के रूप में हमारे मुंह से बाहर आता है. इस प्रकिया को हम और आप सांस छोड़ना कहते हैं.


 


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