भारत में कई लोग रोजमर्रा, तो कई जरूरी कामों के लिए ट्रेनों में सफर करते हैं. हर व्यक्ति की जिंदगी में ट्रेन कहीं पहुंचने का एक जरूरी माध्यम बन गया है. कई बार ट्रेन में सफर करते समय आपके मन में कई सवाल भी कौंधते होंगे, उन्हीं में से एक है स्टेशन नंबर 3.
कई रेलवे स्टेशनों पर स्टेशन नंबर 3 नहीं होता. जिनमें रतलाम और भिलवाड़ा स्टेशन का नाम भी शामिल है, तो क्या कभी आपने सोचा है ऐसा क्यो होता है? यदि आपको इस बारे में नहीं पता तो चलिए आज इस स्टोरी में जानते हैं.
रतलाम और भिलवाड़ा में क्यों नहीं है स्टेशन नंबर 3?
इस बात को समझने के लिए आपको रेलवे की कुछ हिस्ट्री समझनी होगी. दरअसल सालों पहले भारतीय रेलवे में मीटर गेज या नेरो गेज चला करते थे. फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे जरूरतों बढ़ती गईं तो भारतीय रेलवे उन्हें ब्रॉट गेज में ले आया. इसे साधारण भाषा में समझें तो नेरो गेज या मीटर गेज की जो ट्रेनें थीं वहां से यात्री निकलते थे और ब्रॉट गेज में जाकर दूसरी ट्रेन लेते थे.
वहीं रतलाम और भिलवाड़ा स्टेशन की बात करें तो यहां पर जो 3 नंबर प्लेटफॉर्म था वो मीटर गेज या नेरो गेज के लिए उपयोग किया जाता था. ऐसे में मीटर गेज के लिए जिस स्पेस का उपयोग किया जा रहा था वहां ब्रॉज गेज बनाना रेलवे के लिए संभव नहीं हो पा रहा था, क्योंकि मीटर गेज में छोटी ट्रेनें चलाई जाती थीं और ब्रॉज गेज के लिए बड़ी जगह की जरूरत थी. इसके चलते रेलवे ने ब्रॉज गेज की ट्रेनों को चलाने के लिए दूसरे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया और 3 नंबर प्लेटफॉर्म को यूहीं छोड़ दिया.
हालांकि रेलवे अब इस स्टेशन को बनाकर इसका इस्तेमाल करने की सोच रहा है लेकिन अबतक इसका काम शुरू नहीं किया गया है.