मेहंदी का रंग क्यों होता है लाल, लगाने के बाद क्यों नहीं आता है दूसरा कलर
भारत में मेहंदी लगाने का कल्चर सदियों पुराना माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों हाथ पर मेहंदी लगाने पर इसका रंग लाल होता है, किसी और रंग का क्यों नहीं होता है.
भारतीय संस्कृति बाकी दूसरे देशों से बहुत अलग है. कई बार तो दूसरे देश के लोग भारतीय संस्कृति को फॉलो भी करते हैं. इसी संस्कृति का हिस्सा मेहंदी भी है. भारत में खासकर महिलाएं अलग-अलग आयोजनों पर मेहंदी लगाना पसंद करती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेहंदी का रंग लाल ही क्यों होता है, क्योंकि मेहंदी लगाने के बाद हरा-नीला रंग नहीं आता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
मेहंदी
भारत में खासकर शादियों में बिना मेहंदी की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. शादियों में दुल्हन को सजाने को लिए हाथ और पैरों पर मेहंदी लगाने की परंपरा है. मेहंदी को लेकर हमारे देश में कई तरह की मान्यताएं हैं. वहीं शादी के अलावा तीज, करवाचौथ और अन्य त्योहारों पर महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाना पसंद करती हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि मेहंदी का रंग हाथों पर लाल या गहरा भूरा ही क्यों आता है? हरा, नीला, पीला या गुलाबी क्यों नहीं होता है?
कैसे बनता है मेहंदी का रंग
बता दें कि मेहंदी के पत्तों में एक खास किस्म का केमिकल होता है, जिसे लॉसोन कहा जाता है. जब मेंहदी की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाया जाता है और इसे हाथ पर लगाया जाता है, तो लॉसोन हाथ की स्किन में मौजूद प्रोटीन (कैराटिन) के साथ मिलकर केमिकल रिएक्शन करता है. इस रिएक्शन के कारण ही हाथ पर लाल या गहरा भूरा रंग पैदा होता है.
लाल रंग ही क्यों?
जानकारी के मुताबिक लॉसोन का कुदरती रंग नारंगी से लेकर गहरा भूरा तक होता है. लेकिन जब यह स्किन के साथ मिलकर रिएक्शन करता है, तो इसका रंग लाल या गहरे भूरे में बदल जाता है. मेहंदी लगाने पर हरा, नीला, पीला या गुलाबी रंग इसलिए नहीं बनता, क्योंकि लॉसोन की रासायनिक संरचना ऐसे रंग पैदा नहीं कर सकती है.
मेहंदी का पौधा?
बता दें कि मेहंदी लिथ्रेसी परिवार की सदस्य है. इस परिवार के पौधों के फूल बहुत सुंदर और खुशबूदार होते हैं. वहीं दिखने में मेंहदी की पत्तियां हरी होती हैं और लगाने के लिए इनकी पत्तियों का ही इस्तेमाल किया जाता है. मेहंदी को पीसने पर इसके पत्तों से नेचुरल डाई (लॉसोन) निकलती है. जब यह लॉसोन कैराटिन के संपर्क में आता है, तो लाल रंग देता है. कैराटिन प्रोटीन एक्सो स्केलटन यानी स्किन, नाखून और बाल में होता है. इसीलिए पिसी हुई मेहंदी लगाने पर यह लाल रंग स्किन पर चढ़ जाता है और कई दिनों तक बना रहता है.
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