दिल्ली में देर रात भूकंप के झटके  महसूस हुए. जिसके बाद लोग घरों से बाहर निकल गए. इस भूंकप का रिएक्टर 7.2 मापा गया था, जिसका केंद्र चीन के दक्षिणी शिनजियांग क्षेत्र में 80 किलोमीटर की गहराई में था, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कई किलोमीटर की दूरी पर आए भूकंप के झटके दूसरे शहर तक महसूस क्यों होते हैं. यदि हां तो चलिए आज इस सवाल का जवाब जान लेते हैं.


क्या होता है भूकंप का केंद्र?
नेपाल या चीन में भूकंप का केंद्र होने पर भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस होते हैं. जहां चीन में भूकंप का केंद्र था वहीं इसके झटके सीमा पार अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लेकर भारत की राजधानी तक में महसूस किए गए. जो ऐसे थे कि लोगों ने अपना पलंग भी हिलता हुआ महसूस किया था, लेकिन ऐसा हुआ क्यों. सबसेे पहले जान लेते हैं कि भूकंप का केंद्र क्या होता है.


भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहा जाता है जहां जमीन के ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का कंपन सबसे तेज होता है. जिसका असर भी बहुत तेज महसूस होता है. इस तेज भूकंप से ही भूकंप के केंद्र का पता चलता है.


क्यों दूर तक महसूस होते हैं भूकंप के झटके
भूकंप के कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूूर होती जाती है वैसे-वैसे इसका प्रभाव कम होने लगता है. हालांकि रिएक्टर स्केल पर 7 या इससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है तो इसके झटके कई किलोमीटर दूूर तक महसूूस किए जाते हैं. ये सभी चीजें इस बात पर निर्भर करतती हैं कि भूकंप की आवृत्ति ऊपर की ओर है या दायरे में. यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर की ओर होती है तो इससे कम क्षेत्र प्रभावित होता है, लेकिन यदि ये आवृत्ति दायरे में होती है तो इससे अधिक क्षेत्र प्रभावित होता है और दूर तक भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैैं.                                            


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