क्या है गरीब रथ ट्रेन की कहानी? क्यों सस्ते में हो जाता है एसी कोच में सफर
भारतीय रेलवे की ओर से साल 2006 में सस्ती वातानुकूलित ट्रेन 'गरीब रथ' की शुरुआत की गई थी. गरीब रथ ट्रेन में कम खर्च और आसान सुविधाओं के कारण इसका किराया सस्ता होता है.
Gareeb Rath Train: भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर जरूरी बदलाव करता रहता है. इस बदलाव में यात्रियों के लिए कोई अन्य सुविधा मुहैया कराना या फिर कोई स्पेशल ट्रेन चलाना आदि शामिल हो सकता है. ऐसा ही बदलाव हुआ था साल 2006 में, जब रेलवे ने गरीब रथ ट्रेन की शुरुआत की थी. इस ट्रेन को शुरू करने का उद्देश्य था आम लोगों को कम किराए में 3rd एसी का सफर करवाना. आइए इस ट्रेन की खासियतों के बारे में जानते हैं.
सभी कोच होते हैं 3 एसी
भारतीय रेलवे की ओर से साल 2006 में सस्ती वातानुकूलित ट्रेन 'गरीब रथ' की शुरुआत की गई थी. इसे तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने शुरू करवाया था. पहली 'गरीब रथ' एक्सप्रेस का संचालन सहरसा, बिहार से अमृतसर, पंजाब के बीच शुरू हुआ था. बाद में कई और रूटों पर गरीब रथ एक्सप्रेस की शुरूआत की गई. इसके सभी कोच एसी थ्री-टियर होते हैं और इसका किराया भी अन्य ट्रेनों के 3AC कोचों की तुलना में कम रहता हैं. गरीब रथ ट्रेन के कोच में अन्य ट्रेनों के 3AC कोचों की तुलना में अधिक बर्थ (78 से 81) होते हैं.
इसके 3A कोच में 18 लोअर बर्थ, 18 मिडिल बर्थ, 18 अप्पर बर्थ, 9 साइड लोअर, 9 साइड मिडिल और 9 साइड अप्पर बर्थ होती हैं. जिन डिब्बों में सोने की सुविधा होती है, उन डब्बों का कोच कोड "G" होता है, यानि अगर कोई यात्री स्लीपर 3A क्लास में बर्थ बुक करता है, तो उसका कोच नंबर G-1, G-2 आदि टाइप का होगा.
140 किमी की रफ्तार से चलती है ट्रेन
गरीब रथ आमतौर पर कुछ स्टॉप वाली लंबी दूरी की ट्रेनें होती हैं. इन ट्रेनों की औसत गति लगभग 81 किमी/घंटा है, जबकि इनकी अधिकतम गति 140 किमी/घंटा होती है. गरीब रथ ट्रेनों में कुल 12 बोगियां होती हैं. इन ट्रेनों को मेल ट्रेनों में बदलने की योजना के अंतर्गत कोचों की संख्या 12 से बढ़ाकर 16 भी की जा सकती है. इन 16 डिब्बों में थर्ड एसी, सेकेण्ड एसी, स्लीपर और जनरल कोच होंगे.
इसलिए सस्ता होता है किराया
इस ट्रेन के थर्ड एसी कोच का किराया सामान्य थर्ड एसी के मुकाबले करीब 40 फीसदी सस्ता होता है. दरअसल, इसका किराया सस्ता इसलिए हैं, क्योंकि इसमें न खाना होता है और न ही बिस्तर. अगर यात्री को खान-पान और बेड रोल चाहिए, तो उसके लिए अलग से पेमेंट करना होता है. एक बेड रोल के लिए 25 रुपये का भुगतान करने होता है, जिसमें एक तकिया, एक कंबल और दो चादर मिलती हैं. गरीब रथ ट्रेन में कम खर्च और आसान सुविधाओं के कारण इसका किराया सस्ता होता है.
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