भारत के अधिकांश घरों में दूध का इस्तेमाल किया जाता है. घरों के लिए खासकर गाय या भैंस का दूध मंगवाया जाता है. घरों में आने वाले दूध का इस्तेमाल चाय, कॉफी और दूध पीने के लिए किया जाता है. इसके अलावा बकरी समेत अन्य जानवर भी दूध देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं किस जानवर का दूध काला होता है. जी हां, अधिकांश जानवरों का दूध सफेद होता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जानवर के बारे में बताने वाले हैं, जिसका दूध काला होता है. 


दूध 


इंसान सबसे अधिक गाय और भैंस के दूध का इस्तेमाल करता है. घरों में खासकर बच्चों और बड़ों सभी को गाय का दूध ज्यादा पिलाया जाता है, ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. जिस तरीके से एक स्वस्थ जीवन के लिए अच्छा खान-पान बेहद जरूरी होता है. उसी तरीके से किसी भी बच्चे के पोषण के लिए दूध सबसे ज्यादा जरूरी होता है. यह दूध बच्चे की मां का या फिर गाय, भैंस का हो सकता है. डॉक्टर्स भी दूध पीने की सलाह देते हैं, लेकिन जब दूध के रंग की बात होती है, तो अधिकांश लोग कहते हैं कि दूध का रंग सफेद होता है, इसके अलावा हल्के पीले रंग का दूध भी देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी काले रंग का दूध देखा है? शायद नहीं देखा होगा. 


काले रंग का दूध 


काला दूध बहुत कम लोग देखे होंगे. बता दें कि काले रंग का दूध मादा ब्लैक राइनोसेरॉस का होता है. इन्हें अफ्रीकी काला गैंडा भी कहते हैं. अब सवाल ये है इनका दूध काला क्यों होता है. गैंडे की मां का दूध पानी जैसा होता है और उसमें केवल 0.2 प्रतिशत वसा होती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस पतले दूध का जानवरों के धीमे प्रजनन चक्र से कुछ कनेक्शन हो सकता है. काले गैंडे चार से पांच साल की उम्र तक पहुंचने के बाद ही प्रजनन करने में सक्षम होते हैं. इसके अलावा उनकी गर्भवस्थाएं महिलाओं से भी लंबी होती हैं. जानकारी के मुताबिक उनकी गर्भवस्थाएं एक वर्ष से अधिक समय तक चलती हैं. बच्चे के जन्म के बाद वे अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए लगभग दो साल तक एक साथ ही रहते हैं. 


रिपोर्ट के मुताबिक 2013 के एक अध्ययन में स्किबील की टीम ने पाया था कि जो प्रजातियां लंबे समय तक स्तनपान कराती हैं, उनके दूध में वसा और प्रोटीन कम होते हैं. माना जाता है कि यही कारण है कि काले गैंडे के दूध में इतनी कम वसा देखने को मिलती है.


ये भी पढ़ें: Guru Purnima 2024: ये हैं भारत के सबसे पुराने गुरुकुल, आज भी मौजूद हैं अवशेष