अंतरिक्ष रहस्यों से भरी दुनिया है. अंतरिक्ष के बारे में दुनियाभर के लोग जानना चाहते हैं. आज के वक्त अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा, भारत की एजेंसी इसरो समेत कई अन्य स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिक चांद तक पहुंच चुके हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्रमा पृथ्वी से हर साल दूर क्यों जा रहा है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. 


चांद


दुनिया आज चांद तक पहुंच चुकी है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि चांद हर साल धरती से कुछ दूरी पर जा रहा है. जी हां चांद और धरती की दूरी धीरे-धीरे बढ़ रही है. ये हम नहीं वैज्ञानिक कह रहे हैं. वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि चांद और धरती के बीच दूरी हर साल बढ़ रही है. अब सवाल ये है कि क्या चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है. पहले यह माना जाता था कि चंद्रमा गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण पृथ्वी से निरंतर दूरी पर रहता था. लेकिन इस नई खोज ने चंद्रमा के बारे में कई सवाल उठाए हैं.


कितनी दूरी बढ़ी


अमेरिकी अंतरिक्ष संस्‍था नासा के मुताबिक चंद्रमा पृथ्वी से हर साल वर्ष 3.8 सेमी की दर से धीरे-धीरे दूर जा रहा है. पहले, चंद्रमा समय मापने का एक प्रमुख हिस्सा हुआ करता था, क्योंकि इसका उपयोग प्राचीन मानव सभ्यताओं द्वारा एक कैलेंडर के रूप में किया जाता था. वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा पृथ्वी से इसी दर से दूर जाता रहता है, तो वह शायद 1.5 अरब साल पहले पृथ्वी से टकरा सकता था.


क्‍या है इसकी वजह


यूनिवर्सिटी ऑफ क्यूबेक में प्रोफेसर जोशुआ डेविस, विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के अनुसंधान सहयोगी मार्ग्रीट लैंटिन्क ने इस पर रिसर्च किया है. उनके मुताबिक चंद्रमा और पृथ्वी के बीच बढ़ते अंतर की नई खोज काफी दिलचस्प और जानकारियों से भरी हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि 'मिलनविच चक्र' चंद्रमा के पृथ्वी से दूर जाने का कारण हो सकता है. यह चक्र पृथ्वी की कक्षा के आकार और उसके अक्ष में एक बहुत ही छोटे विचलन का जिक्र करते हैं. 


बता दें कि पृथ्वी पर सूर्य के प्रकाश की मात्रा इसकी जलवायु को प्रभावित करती है. इतना ही नहीं नम और शुष्क मौसम की अवधि के बारे में भी बताता है. मिलनविच चक्र क्षेत्र में मौसम में पूरी तरह से उलट हो सकता है. क्योंकि वे सहारा रेगिस्तान में हरियाली की वजह थे. इतना ही नहीं पृथ्वी पर झीलों के आकार को प्रभावित करने वाला बड़ा कारण भी हैं. ये चक्र ही चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी को भी निर्धारित करते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रमा 2.46 अरब साल पहले पृथ्वी से 60,000 किमी.करीब था, जो वर्तमान दूरी से कम है. इसका मतलब है कि धरती को रोजाना 17 घंटे सूरज की रोशनी मिलती है.


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