अंतरिक्ष की दुनिया रहस्यों से भरी हुई है. इन रहस्यों को सुलझाने के लिए दुनियाभर की स्पेस एजेंसी काम कर रही है. लेकिन अभी तक सिर्फ धरती पर ही जीवन पाया गया है, हालांकि वैज्ञानिक दूसरे ग्रहों पर भी जीवन की तलाश कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस धरती पर जीवन है, उसका वजन कितना है और धरती का वजन घट क्यों रहा है. 


धरती 


अतंरिक्ष में मौजूद सिर्फ धरती पर ही अभी तक जीवन पाया गया है. इसके अलावा वैज्ञानिक चांद समेत दूसरे ग्रहों पर भी जीवन की तलाश कर रहे हैं. हालांकि कई बार दावा किया जाता है कि दूसरे ग्रहों पर जीवन जरूर होगा और वहां पर एलियन भी रहते हैं. लेकिन अभी तक इंसानों और एलियन के बीच कोई संपर्क नहीं हो पाया है. 


धरती का वजन


धरती पर इंसानों से लेकर जानवरों तक की आबादी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में तो धरती का वजन बढ़ना ही चाहिए? लेकिन अब सवाल ये है कि धरती का वजन कितना है और ये घट रहा है या बढ़ रहा है. बता दें कि वैज्ञानिकों धरती के वजन को लेकर बताया है कि पृथ्वी की ऊपरी परत में जो गैस होती है, उनमें से हाइड्रोजन और हीलियम जैसे तत्व अंतरिक्ष में गायब हो जाते हैं. इसके कारण पिछले 1 साल में  पृथ्वी का  96000 टन वजन कम हो गया है.


वैज्ञानिकों के मुताबिक रेडियोएक्टिव के कारण बड़ी मात्रा में पृथ्वी के पदार्थ ऊर्जा में बदलकर अंतरिक्ष में चले गए हैं. इसके कारण पिछले 1 साल में पृथ्वी का लगभग 7 मैट्रिक टन वजन कम हो गया. वहीं पृथ्वी पर हुए अंतरिक्ष अभियानों के कारण पृथ्वी का 1000 टन वजन कम हो गया है. 


कितना बढ़ा वजन


वहीं दूसरी तरफ अंतरिक्ष में दूसरे ग्रहों से टूटकर जो हिस्से धूल में परिवर्तित हो जाते हैं, वह लगातार पृथ्वी से चिपकते रहते हैं. वहीं बहुत सारे उल्का पिंड अंतरिक्ष से पृथ्वी में आकर शामिल हो गए हैं. कई तारे टूट कर पृथ्वी के समुद्र में समा गये हैं. इस प्रक्रिया के कारण पृथ्वी का वजन 16000 टन बढ़ गया है. लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक इस सारे कैलकुलेशन के बाद पृथ्वी का वजन पिछले 1 साल में 81000 टन कम हुआ है.


पृथ्वी का वजन कितना


अमेर‍िकी अंतर‍िक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, पृथ्वी का वजन 5.9722×1024 किलोग्राम या लगभग 13.1 सेप्टिलियन पाउंड है. यह मिस्र के पिरामिड के लगभग 13 क्वाड्रिलियन के बराबर है, जिसका वजन लगभग 4.8 बिलियन किलोग्राम है. अंतरिक्ष की धूल और हमारे वायुमंडल से निकलने वाली गैसों के कारण पृथ्वी के द्रव्यमान में थोड़ा उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन ये छोटे परिवर्तन अरबों वर्षों तक पृथ्वी को प्रभावित नहीं करते. फ‍िर भी लोग इसे 6,000,000,000,000,000,000,000,000 क‍िलो मानकर चलते हैं. हालांकि, इसे लेकर  वैज्ञान‍िक अभी भी एकमत नहीं हैं.


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