Great Wall Of China: दुनिया की सबसे लंबी दीवार की बात जब भी आती है तो बच्चे-बच्चे की जुबान पर ग्रेट वॉल ऑफ चाइना का नाम आता है. दुनिया के सात अजूबों में शामिल इस दीवार को देखने दुनियाभर से पर्यटक जाते हैं. इस दीवार को पूरा होने में सैंकड़ों साल लग गए थे, वहीं इसकी कल्पना किन शी हुआंग ने की थी. समय-समय पर इसका विस्तार होता गया और फिर 16वीं शताब्दी में ये दीवार 21,196.18 किलोमीटर तक बन गई. इस दीवार का स्ट्रक्चर भी बहुत अजीब है. ये सीधी-सीधी न होकर बहुत आढ़ी तेढ़ी है. कई चीनी लोग बताते हैं कि इस वॉल को ड्रैगन ने रास्ता दिखाया था, लेकिन इसके पीछे की असल सच्चाई क्या है? चलिए जानते हैं.
टेढ़ी-मेढ़ी क्यों हैं दुनिया की सबसे लंबी दीवार?
आपने अमूमन किसी दीवार को देखा होगा तो वो सीधी ही देखी होगी, दीवारें बनाई ही सीधी जाती हैं, लेकिन चीन की दीवार काफी घुमावदार और टेढ़ी-मेढ़ी है. बता दें कि कुछ लोग इसके डिजाइन की तुलना एक ड्रैगन से करते हैं. चीनी मिथक हैं कि एक ड्रैगन ने इस दीवार का रास्ता दिखाया था. माना जाता है कि मजदूर ड्रैगन के पीछे-पीछे चले और उसके अनुसार दीवार का काम जारी रखा गया. हालांकि ये मिथक मात्र हैं, इसमें सच्चाई कितनी है ये किसी को नहीं पता.
द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के नीचे मिले मानव अवशेष!
चीन की द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना को हाथों से बनाया गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, सम्राट के सैनिक आम लोगों को घेरकर उनसे काम करवाया करते थे. इस दौरान हजारों लोग दिन-रात इस दीवार को बनाने का काम करते थे. ऐसे में यदि कोई मजदूर भागने की कोशिश भी करता तो उसे वहीं जिंदा दफना दिया जाता था. वहीं ठीक से काम न करने वाले मजदूर का भी यही हाल होता था. इस दीवार के कुछ हिस्सों के नीचा पुरातत्वविदों को मानव अवशेष मिले हैं.
कुछ आंकड़े बताते हैं लगभग 2 हजार सालों तक इस दीवार को बनाने का काम चला. इस दौरान 4,00,000 से 10,00,000 लोगों की मौत हो गई थी. कहा जाता है कि इन लोगों को दीवार के किनारे ही दफना दिया गया था. यही वजह है कि चीन की महान दीवार को इतिहास का सबसे लंबा कब्रिस्तान भी कहते हैं.
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