टेबलेट पर बीच में एक सीधी लाइन किस लिए होती है, ये है वजह
जब कोई टेबलेट बहुत बड़ी होती है तो उसे खाने में बच्चों को तकलीफ होती है. ऐसे में उन्हें आप बीच से बराबर तोड़कर आधा-आधा कर सकते हैं और 2 बार में बच्चों को खिला सकते हैं.
आज के इस प्रदूषण भरे वातावरण में कौन ऐसा होगा जो बीमार नहीं होता. जब आप बीमार होते हैं तो दवाई भी खाते हैं. सर्दी, जुखाम, बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द और हर तरह की बीमारी के लिए अलग-अलग दवाएं हैं, लेकिन इन सभी दवाओं में जो एक चीज कॉमन है, वह है इन पर बनी बीच में एक सीधी लकीर. अगर आपने ध्यान नहीं दिया है तो एक बार किसी दवाई की टेबलेट को हाथ में लीजिए और देखिए कि आखिरकार उसमें एक सीधी लकीर बनी हुई है या नहीं. अगर बनी हुई है तो क्या आप जानते हैं कि इसे क्यों बनाया जाता है. नहीं जानते तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है, इसमें हम आपको बताएंगे कि आखिर इसका काम क्या होता है.
किस लिए बनाई जाती है लाइन
इस लाइन को बनाने का सबसे बड़ा कारण यह है कि अगर आप को बुखार है, लेकिन वह इतना तेज नहीं है कि आपको 650mg की पैरासिटामोल खानी पड़े तो आप 650mg के पेरासिटामोल टेबलेट को बीच से तोड़कर आधा खा सकते हैं. इसी तरह जब किसी भी हाई डोज या हाई पावर वाली दवा के कम डोज की जरूरत आपको पड़ती है तो आप उसे इस लकीर के माध्यम से एकदम बराबर टुकड़ों में तोड़ लेते हैं और उसका इस्तेमाल करते हैं.
बच्चों के लिए बहुत काम आती है
इस लकीर को बनाने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी था कि कई बार जब बच्चे छोटे होते हैं तो डॉक्टर उन्हें जो दवा लिखते हैं उसकी पावर बहुत ज्यादा होती है. ऐसे में डॉक्टरों द्वारा सलाह दिया जाता है कि बच्चों को आधा टेबलेट ही दिया जाए. दूसरा यह है कि जब कोई टेबलेट बहुत बड़ी होती है तो उसे खाने में बच्चों को तकलीफ होती है. ऐसे में उन्हें आप बीच से बराबर तोड़कर आधा-आधा कर सकते हैं और 2 बार में बच्चों को खिला सकते हैं.
कैप्सूल तोड़ने की गलती ना करें
यह सीधी लाइन ज्यादातर टेबलेट में होती है. कैप्सूल में कभी आपको सीधी लाइन नहीं मिलेगी. हालांकि, कैप्सूल 2 पार्ट को जोड़कर जरूर बना होता है. लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है कि कभी भी कैप्सूल को तोड़कर नहीं खाना है. दवा में भी यह निर्देश साफ-साफ लिखा होता है. किसी भी कैप्सूल पर लिखे निर्देश को पढ़ेंगे तो उसमें लिखा होता है कि इसे चबाकर या फिर तोड़कर नहीं खाना है क्योंकि यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है.
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