हमेशा सर्दियों में ही क्यों होता है पॉल्यूशन का सबसे ज्यादा खतरा? हवा में होता है ये बदलाव
अक्सर सर्दियों के मौसम में पॉल्यूशन बढ़ जाता है, लेकिन क्या कभी सोचा है कि आखिर ऐसा होता क्यों है? चलिए जानते हैं.
देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों भीषण प्रदूषण से जूझ रही है. वहीं देश के दूसरे कई शहरों में भी प्रदूषण की स्थिति गंभीर है. सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ जाता है, यह एक आम बात है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है? क्यों सर्दियों के मौसम में ही प्रदूषण बढ़ जाता है. चलिए इसका जवाब आज इस आर्टिकल में जानते हैं.
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सर्दियों के मौसम में हवा क्यों होती है प्रदूषित?
सर्दी में तापमान कम होने के कारण हवा ठंडी हो जाती है. ठंडी हवा गर्म हवा की तुलना में भारी होती है और नीचे की ओर डूबती है. इससे हवा की वर्टिकल स्पीड कम हो जाती है और प्रदूषित तत्व हवा में ही फंसे रह जाते हैं. इसके अलावा सर्दियों में हवा में नमी कम होती है. नमी प्रदूषित कणों को आपस में चिपकाने में मदद करती है और उन्हें जमीन पर गिरने में मदद करती है, लेकिन जब नमी कम होती है तो प्रदूषक कण हवा में ही तैरते रहते हैं.
इसके अलावा कभी-कभी एक अजीब सी स्थिति बन जाती है जिसे उलटा तापमान कहते हैं. इसमें ऊंचाई के साथ तापमान बढ़ने लगता है, जबकि आमतौर पर ऊंचाई के साथ तापमान घटता है. इस स्थिति में गर्म हवा नीचे की ठंडी हवा को दबा देती है जिससे प्रदूषित कण हवा में ही फंसे रह जाते हैं. वहीं सर्दियों में धुंध और कोहरा छाना आम बात है. ये प्रदूषक कणों को अपने अंदर समेट लेते हैं और हवा में घुल मिल जाते हैं जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है.
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क्यों होता है प्रदूषण?
सर्दियों में लोग गर्म कपड़े पहनते हैं और हीटर का उपयोग करते हैं जिसके कारण वाहनों की संख्या बढ़ जाती है और वाहनों से निकलने वाला धुआं हवा को प्रदूषित करता है. इसके अलावा कई उद्योगों में सर्दियों में उत्पादन बढ़ जाता है जिससे औद्योगिक प्रदूषण भी बढ़ जाता है. साथ ही सर्दियों में किसान खेतों में पराली जलाते हैं जिससे हवा में बहुत अधिक प्रदूषण फैलता है वहीं ग्रामीण इलाकों में लोग सर्दियों में लकड़ी या गोबर के उपले जलाते हैं जिससे घरों के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रदूषण बढ़ जाता है.
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