(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
इस चिड़िया को क्यों कहा जाता है स्टुपिड बर्ड, इंसानों से मिलने पर गिफ्ट में देती है ये खास चीज
धरती पर लाखों प्रजाति के जानवर मौजूद हैं. सभी जानवरों की विशेषता भी अलग-अलग है. लेकिन क्या आपने कभी स्टुपिड पक्षी के बारे में सुना है? जानिए आखिर क्यों इस पक्षी को स्टुपिड पक्षी कहा जाता है.
दुनियाभर में लाखों प्रजाति के पशु-पक्षी मौजूद हैं. सभी जानवरों का आकार और उनकी विशेषता अलग-अलग है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक पक्षी ऐसा भी है, जिसे स्टुपिज बर्ड कहा जाता है. जी हां आपने स्टुपिड शब्द इसानों के लिए सुना होगा. लेकिन इस पक्षी को भी स्टुपिड कहा जाता है. जानिए आखिर ऐसा क्या कारण है कि इस पक्षी को स्टुपिड बर्ड कहा जाता है.
स्टुपिड बर्ड
बता दें कि शूबिल स्टॉर्क को दुनिया का सबसे खतरनाक पक्षी कहा जाता है. लेकिन इसे स्टुपिड बर्ड भी कहते हैं. ये मुख्य तौर पूर्वी अफ्रीका, इथियोपिया, दक्षिणी सूडान और जांबिया में पाए जाते हैं. इनके आकार के कारण कुछ लोग शूबिल को सारस या बगुला परिवार के मानते हैं, लेकिन ये उस परिवार से नहीं हैं. शूबिल के सबसे करीबी परिवार में पेलिकन आते हैं.
क्यों पड़ा शूबिल नाम
इस पक्षी का नाम शूबिल पड़ने के पीछे इसकी चोंच वजह है. इनकी चोंच करीब एक फिट तक लंबी होती है और डच क्लॉग जैसी दिखती है. वहीं शूबिल की चोंच करीब 5 इंच चौड़ी होती है और इसके किनारे तेज नुकीले होते हैं. इसके अलावा सिरे पर एक नुकीला हुक भी होता है, जिसकी मदद से शूबिल लंगफिश, ईल और सांप जैसे जानवरों का शिकार करते हैं. यहां तक कि यह मगरमच्छ के बच्चों और मॉनिटर छिपकली को भी खा जाते हैं.
इसके अलावा शूबिल्स कई-कई घंटे एक ही जगह बिना हिले-डुले खड़े रह सकते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस प्रक्रिया को 'कोलैप्सिंग' कहा जाता है और यही शूबिल को शिकार में मदद करती है. बिना हिले-डुले पानी या दलदली जगह पर खड़े रहते हैं, तो उनके शिकार को इसकी भनक नहीं लग पाती है. मछली या ईल जैसे जानवर जैसे ही ऑक्सीजन के लिए पानी की सतह पर आते हैं, शूबिल उन्हें शिकार बना लेता है.
इंसानों के बराबर इनका शरीर
वहीं शूबिल 4 से 5 फीट लंबे हो सकते हैं. इनके पंख नीले-भूरे रंग के होते हैं और पंख का फैलाव 8 फुट से अधिक होता है. वहीं मेल शूबिल का वजन 12 (करीब 5.5 किलो) पाउंड और फीमेल का 11 पाउंड (4.9 किलो) के बीच होता है. शूबिल करीब 35 से 50 साल तक जिंदा रह सकते हैं.
क्यों कहते हैं स्टूपिड बर्ड
अब सवाल ये है कि शूबिल को स्टूपिड बर्ड क्यों कहते हैं. दरअसल शूबिल का आईक्यू नेगेटिव होता है, इसलिये इसे 'स्टूपिड बर्ड' यानी मूर्ख पक्षी भी कहा जाता है. शूबिल की डिसीजन मेकिंग क्षमता बहुत खराब होती है. इस पक्षी के सामने कुछ खाना रखा जाए, तो घंटों सोचते रहते हैं कि इसे खाएं या नहीं. एक और आदत इस पक्षी को अलग बनाती है. जब ये किसी इंसान को अपनी तरफ आता देखते हैं, तो अपने पंख तोड़ने लगते हैं. हालांकि कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि यह शूबिल के अभिवादन का तरीका होता है. हालांकि इनकी संख्या तेजी से घट रही है. दुनिया भर में अब केवल 3,300 से 5,300 वयस्क शूबिल बचे हैं. ब्लैक मार्केट में शूबिल 10000 डॉलर (8-10 लाख) रुपये तक में बिकता है.