Vande Bharat Train: वंदे भारत ट्रेन के सफेद रंग पर नीली पट्टी होने की क्या वजह है? यहां जानें
रेलवे अपनी सभी खास ट्रेनों को अलग-अलग कलर स्कीम देता है, आपने देखा होगा कि सभी स्पेशल ट्रेनें अलग रंग की होती हैं. जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर
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Vande Bharat Colour Fact: आजकल रेलवे की सुपर फास्ट ट्रेनों के जिक्र में सबसे ऊपर जो नाम है, वो है वंदे भारत ट्रेन का. वंदे भारत ट्रेन रेलवे की अब तक की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन है, गुरुवार (13 अक्टूबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के ऊना में देश की चौथी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई.
अब प्रदेश के लोग इस सुपर फास्ट ट्रेन के जरिए चंडीगढ़ या दिल्ली तक आकर देश में कहीं भी जा सकेंगे. वंदे भारत के जरिए अब हिमाचल के ऊना से नई दिल्ली तक का सफर मात्र 5 घंटे का होगा. यह ट्रेन बुधवार छोड़कर सप्ताह के बाकी सभी दिन सर्विस में रहेगी. इस रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस के स्टॉप अंबाला, चंडीगढ़, आनंदपुर साहिब और ऊना होंगे.
ये हैं वंदे भारत की खास सुविधाएं
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों को हवाई यात्रा जैसी सुविधाएं दी जाती हैं. इसमें यात्रियों की सीटें 180 डिग्री घूम जाती हैं. ट्रेन 'कवच' नाम के ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम से लैस है, जिससे हादसे के वक्त ट्रेन अपने आप रुक जाएगी. हर कोच में चार इमरजेंसी विंडो दी गई हैं. अब वंदे भारत से दिल्ली से चंडीगढ़ लगभग तीन घंटे में पहुंच सकते हैं. ट्रेन 52 सेकेंड्स में 100 किलोमीटर की स्पीड पकड़ लेती है.
वंदे भारत ट्रेनों का स्पीड ट्रायल 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर किया गया है, लेकिन यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आराम से दौड़ सकेंगी. ट्रेन वाईफाई के सुविधा से लैस है. यात्रियों के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए ट्रेन में इंफोटेनमेंट सिस्टम लगाया गया है, जिस पर प्री रिकॉर्डेड प्रोग्राम देखे जा सकते हैं. ट्रेन की सीटों को काफी आरामदायक बनाया गया है. ट्रेन के अंदर हवाई जहाज की तरह टच लाइटें दी गई हैं जो टच करते ही ऑन हो जाती हैं.
कोच में चढ़ने और उतरने वाले दरवाजों का कंट्रोल ड्राइवर के पास होगा, अगर कोई इमरजेंसी है और आपको ड्राइवर से बात करनी है तो कोच में लगे कॉलिंग सिस्टम के जरिए आप ड्राइवर से बात भी कर सकते हैं. ट्रेन के एसी मौसम के हिसाब से नियंत्रित तरीके से कूलिंग करते हैं. ट्रेन में स्पीड और अन्य जानकारी के लिए डिस्पले बोर्ड भी लगे हैं. बाहर का खूबसूरत नजारा देखने के लिए ट्रेन में बड़ी-बड़ी पारदर्शी विंडो लगाई गई हैं. दिव्यांग जनों के लिए ट्रेन में अलग से वीलचेयर की सुविधा भी है.
ट्रेन के रंग और नीली पट्टी की वजह
दरअसल, भारतीय रेलवे अपनी हर स्पेशल ट्रेन को अलग कलर स्कीम देता है जैसे दुरंतों व हमसफर ट्रेन बहुरंगी होती हैं. तेजस एक्सप्रेस ट्रेन के कोच पर डिजाइन बने होते हैं. डबल डेकर ट्रेनें येलो और ऑरेंज कलर से रंगी होती हैं. हालंकि, राजधानी के ये लाल रंग वाले कोच अब कई ट्रेनों में इस्तेमाल होने लगे हैं. इसी प्रकार रेलवे ने अपनी इस लग्जरी ट्रेन (वंदे भारत) को सफेद रंग का बनाया है और सफेद रंग की इस एयरोडायनैमिक ट्रेन पर नीली पट्टियां भी दी गई हैं.
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