क्या जापान में जैसे जैसे क्लास बढ़ती है, वैसे स्कूल गर्ल्स की स्कर्ट की साइज कम हो जाती है?
आपने इंटरनेट पर देखा होगा कि अक्सर कहा जाता है कि जापान में स्कूल की लड़कियां क्लास के हिसाब से स्कर्ट पहनती हैं या फिर वहां स्कूलों में शॉर्ट पहनने को लेकर नियम तय किए जाते हैं.
हर देश के बारे में कुछ ना कुछ फेमस होता है और जिसकी चर्चा दूसरे देशों में भी होती है. ऐसे ही जापान की स्कूली गर्ल्स की बात जापान के बाहर भी होते हैं. इंटरनेट पर भी जापान की स्कूल गर्ल्स को लेकर कई आर्टिकल मौजूद हैं, जिनमें उनके शॉर्ट स्कर्ट की बात कही गई है. जब भी स्कूल में शॉर्ट स्कर्ट की चर्चा होती है तो उसमें जापान का जिक्र जरूर होता है. दरअसल, कहा जाता है कि जापान की स्कूलों में लड़कियों सामान्य से ज्यादा शॉर्ट स्कर्ट पहनती हैं. इन शॉर्ट स्कर्ट को लेकर कई तथ्य भी बताए जाते हैं, जिनमें से कई से तथ्य गलत भी हैं.
ऐसे में जानते हैं कि जापान की स्कूल गर्ल्स के स्कर्ट की क्या कहानी है और आखिर जापान क्या सच्चाई है. साथ ही हम आपको बताएंगे कि आखिर जापानी स्कूल गर्ल्स के कपड़ों के लिए क्या कहा जाता है और किस तरह के तथ्य सोशल मीडिया पर शेयर किए जाते हैं.
स्कूली गर्ल्स के स्कर्ट के बारे में क्या कहा जाता है?
अगर जापान के स्कूलों की बात करें तो कुछ रिपोर्ट में कहा जाता है कि वहां गर्ल्स के यूनिफॉर्म के स्कर्ट की लंबाई क्लास के आधार पर तय होती है. जैसे क्लास में इजाफा होता है, उस हिसाब से लड़कियों के स्कर्ट की साइज भी कम हो जाती है. इसके अलावा कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कुछ स्कूलों में शॉर्ट स्कर्ट पहनने के लिए कहा जाता है. इसके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि स्कर्ट को लेकर कोई नियम नहीं होता है और ना ही ऐसा है कि सिर्फ जापान में ही स्कूली गर्ल्स शॉर्ट स्कर्ट पहनती हैं.
क्या है सच्चाई?
दरअसल, ये बात तो सच है कि जापान में स्कूली गर्ल्स शॉर्ट स्कर्ट पहनती हैं, लेकिन इसके पीछे कोई दबाव या नियम हैं. साथ ही ऐसा भी नहीं है कि हर जगह ऐसा है, जबकि कुछ स्कूल में लड़कियां या कुछ गर्ल्स ये फॉलो करती हैं. आपको बता दें कि जापान में स्कूल यूनिफॉर्म को Seifuku कहा जाता है और इसमें स्कर्ट शामिल होता है और स्टूडेंट अपने हिसाब से फीटिंग करवाते हैं. माना जाता है कि छोटे स्कर्ट पहनने का कल्चर 90 के दशक में फेमस जापानी पॉप स्टार नामी अमूरो की वजह से हुआ. पहले लोगों ने इसे नॉर्मल कपड़ों में अपनाया और फिर ये चलन स्कूल ड्रेस में भी शामिल हो गया.
हालांकि, शॉर्ट स्कर्ट को लेकर कोई नियम नहीं है और स्कूली गर्ल्स अपने मन से ऐसा करती हैं. यहां क्लास के हिसाब से भी कोई नियम नहीं है. वहीं कई स्कूलों ने घुटने तक स्कर्ट होने की एडवाइजरी भी जारी कर रखी है, लेकिन बताया जाता है कि स्टूडेंट्स से उन्हें ऊपर से फोल्ड करके स्कर्ट की हाइट को कम कर देते हैं.
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