जेसीबी और क्रेन का रंग पीला ही क्यों होता है, जानिए क्या है इसके पीछे का कारण
जेसीबी का रंग आज आपको पीला दिख रहा है हमेशा से यह पीला नहीं था. पहले इस पर दूसरे रंगों को चढ़ाया गया था. दरअसल, 50 के दशक में जब इसे तैयार किया गया था तो इस पर लाल और सफेद रंग चढ़ाया गया था.

सोशल मीडिया पर जेसीबी की खुदाई को लेकर कुछ दिनों पहले इतने मीम बने की सबका टाइमलाइन भर गया. हालांकि, भारत में ऐसा होता भी है कि जब भी कहीं जेसीबी से खुदाई हो रही होती है या फिर जेसीबी से कहीं कुछ तोड़ा जाता है तो लोगों की भीड़ लग जाती है. आपने भी अपने गांव या कस्बों में ऐसा होता कई बार देखा होगा. जेसीबी भारत में इतनी लोकप्रिय है कि इसका इस्तेमाल यूपी के विधानसभा चुनाव में भी खूब हुआ.
मौजूदा सरकार ने तो इसे अपनी सफलता के रूप में पेश किया और चुनाव जीतने के बाद उसके कार्यकर्ताओं ने जेसीबी पर विजय रैली तक निकाली. लेकिन इन सब के बीच क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया कि आखिर जेसीबी का रंग पीला क्यों होता है. इसके पीछे का कारण क्या है कि जेसीबी को किसी और रंगा का नहीं बनाया गया. आज इस आर्टिकल में हम आपको इन्ही सवालों से जुड़े तमाम जवाब देंगे.
क्या हमेशा जेसीबी का रंग पीला ही रहा
जेसीबी का रंग आज आपको पीला दिख रहा है हमेशा से यह पीला नहीं था. पहले इस पर दूसरे रंगों को चढ़ाया गया था. दरअसल, 50 के दशक में जब इसे तैयार किया गया था तो इस पर लाल और सफेद रंग चढ़ाया गया था. लेकिन, इन रंगों पर बहस चली कि ये वैज्ञानिक नजरिए से सही साबित नहीं नहीं हो रहे हैं इसलिए इनका रंग बदलने पर विचार किया गया. काफी वाद विवाद के बाद बाद में जेसीबी और बुलडोजर के लिए पीला रंग चुना गया.
पीला रंग ही क्यों चुना गया
अब सवाल उठता है कि आखिर जेसीबी और बुलडोजर के लिए पीला ही रंग क्यों चुना गया. दरअसल, पीला रंग कॉमर्शियल कंस्ट्रक्शन का प्रतीक है. इसके साथ इस रंग को रखने के पीछे जो सबसे बड़ा कारण बताया गया वह यह है कि पीला एक चमकदार रंग है और किसी भी कंस्ट्रक्शन साइट पर ऐसे ही रंग का इस्तेमाल होना चाहिए, जो दूर से देखा जा सके. इसलिए जेसीबी को पीले रंग से रंगा गया.
जेसीबी का पूरा नाम क्या है
आप जिस मशीन को जेसीबी के तौर पर जानते हैं उसका फुल फॉर्म 'Joseph Cyril Bamford है. इसी का शॉर्टफॉर्म है जेसीबी. आपको बता दें एक ओर यह तोड़फोड़ और खुदाई जैसे काम करती है तो वहीं दूसरी ओर किसी वाहन की तरह यह सड़क पर भी चल सकती है. खुदाई और तोड़फोड़ के काम के लिए इसे लीवर्स के माध्यम से हैंडल किया जाता है. इस मशीन में ऊपर की तरफ एक केबिन बना होता है जिसमें एक साइड स्टेयरिंग होती है. जबकि दूसरी ओर क्रेन की तरह लीवर लगे होते हैं.
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