Trembling On Music: म्यूजिक सुनना हम सबको अच्छा लगता है. संगीत किसी भी फंक्शन की जान होता है, अगर संगीत न हो तो सबकुछ फीका-फीका सा लगता है. तेज म्यूजिक सुनकर हमारा मन भी झूमने को करता है. क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो म्यूजिक बजते ही थिरकना शुरू कर देते हैं? म्यूजिक सुनते ही मन में हलचल मचने लगती है और धीरे-धीरे हाथों-पैरों में अपने आप मूवमेंट शुरू हो जाता है. कुछ लोग डांस करना शुरू कर देते हैं और कुछ तालियां बजाने लगते हैं या फिर अपने ही स्थान पर रहकर झूमने लग जाते हैं. ऐसा क्यों होता है? क्यों म्यूजिक की धुन कानों में पड़ते ही हमारे पैर थिरकने लगते हैं? इसका जवाब वैज्ञानिकों ने अपनी एक रिसर्च में दिया. नेचर जर्नल ह्यूमन बिहेवियर में प्रकाशित हुई एक रिसर्च कहती है कि अलग-अलग लोगों पर संगीत का असर भी अलग-अलग पड़ता है.
वैज्ञानिकों ने की रिसर्च
म्यूजिक बजते ही हमारे पैर क्यों थिरकने लगते हैं, इस सवाल का जवाब जानने के लिए अमेरिका के वन्देर्बिल्ट जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के साथ मिलकर इसपर रिसर्च की. नेचर ह्यूमन बिहेवियर नामक जर्नल में पब्लिश रिसर्च में दावा किया गया है कि इसकी वजह हमारे जीन हैं.
शरीर में होने वाले आंतरिक बदलावों के कारण होता है ऐसा
इस रिसर्च के अनुसार, 69 तरह के जीन्स ही इंसान में वो खूबी पैदा करते हैं जो म्यूजिक बजते ही डांस करने के लिए मजबूर करती है. इस बात का पता लगाने के लिए रिसर्चर्स ने 6 लाख लोगों पर रिसर्च की. रिसर्च के आधार पर उन्होंने बताया कि इंसान के शरीर में कोई एक रिदम जीन नहीं होता, जो इंसान को थिरकने पर मजबूर करता है. कई जींस मिलकर ऐसा करते हैं और इनका कनेक्शन सीधा हमारे ब्रेन से जुड़ा होता है. रिसर्चर्स का कहना है, लय और ताल की समझ के साथ पैरों में हलचल शुरू होना, ताली बजाना व डांस करना बीट सिंक्रोनाइजेशन कहलाता है. और यह हमारे जीन में होने वाला बदलाव है, जिसका असर इस रूप में दिखाई देता है. यह नर्वस सिस्टम के साथ मिलकर अपना असर दिखाता है. इससे पहले हुए एक शोध में सामने आया है कि संगीत से तनाव कम होता है और इंसान शांति का अनुभव करते हैं. इसलिए लोग म्यूजिक की ओर इतने आकर्षित होते हैं.
नई रिसर्च पर न्यूरोसाइंटिस्ट का कहना है, नए नतीजे बताते हैं कि कैसे खास तरह के जीन वाले लोग संगीत की तरफ अधिक आकर्षित होते हैं और लय-ताल समझते ही उसपर थिरकने लग जाते हैं. साइंटिस्ट का कहना है कि ये नतीजे भविष्य के लिए काम के साबित होंगे.
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