प्यार करने वालों को क्यों कहा जाता है 'दो हंसों का जोड़ा'? ये है इसके पीछे का कारण
हंस विनम्र स्वभाव वाला पक्षी होता है. यह अपने साथी हंस से बहुत प्रेम करता है. हंसों के जोड़े के बीच इतना गहरा प्रेम रहता है कि वे आजीवन एक-दूसरे के साथ ही रहते हैं.
Why lovers Called Pair of Swans: हमेशा से ही आप फिल्मों, कहानियों और यहां तक कि आम जिंदगी में भी प्रेम करने वालों के लिए एक दिलचस्प वाक्य सुनते आ रहे होंगे, वो वाक्य है 'हंसों का जोड़ा'. यहां तक की बॉलीवुड में तो इसपर कई गाने भी बन चुके हैं. अक्सर प्रेमियों और विवाहित जोड़ों के लिए ये बोला जाता है कि दोनों में इतना प्यार है जैसे 'हंसों का जोड़ा'. लेकिन कभी सोचा है ऐसा क्यों कहा जाता है? क्यों दो प्यार करने वाले लोगों की तुलना हंसों के जोड़े से की जाती है? आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको इसी बारे में दिलचस्प जानकारी देने जा रहे हैं.
हंसों के जोड़े को माना जाता है प्रेम का प्रतीक
हंस विनम्र स्वभाव वाला पक्षी होता है. यह अपने साथी हंस से बहुत प्रेम करता है. हंसों के जोड़े के बीच इतना गहरा प्रेम रहता है कि वे आजीवन एक-दूसरे के साथ ही रहते हैं. सामान्य परिस्थितियों में हंसों में अलगाव की संभावना सिर्फ 6 फीसदी होती है. इनके आपसी प्रेम और लगाव की ही वजह से जिन लोगों के बीच बहुत गहरा प्रेम होता है लोग अक्सर उन्हें हंसों का जोड़ा कहकर पुकारते हैं.
हिंदू धर्म में माना जाता है पवित्र
हिंदू धर्म में हंस का खास महत्व है. हंस ज्ञान की देवी मां सरस्वती का वाहन होता है. जिस वजह से यह हिंदुओं के लिए बेहद खास है. इनके उजले दूध जैसे सफेद रंग को भी पवित्रता और निश्छलता का प्रतीक माना गया है.
हंसों के बारे में कुछ अन्य खास जानकारी
सिर्फ सफेद रंग के ही हंस नहीं होते हैं. ऑस्ट्रेलिया में काले रंग के हंस भी पाए जाते हैं. कहा जाता है कि हंस बहुत वफादार जीव है. इसके अपने जीवनसाथी के प्रति प्रेम को एक उदाहरण के तौर पर देख सकते हैं. हंस स्वभाव से बहुत भावुक होते हैं. इनके दांत नहीं होते लेकिन अगर कोई इनके साथी या अंडों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो ये उसपर हमला कर सकते हैं.
उड़ते हैं V शेप बनाकर
इनकी याददाश्त बहुत अच्छी होती है, कहा जात है कि ये कि किसी भी चीज को सालों तक भूलते नहीं हैं. ये अपने साथियों और समूह का खास ख्याल रखते हैं और अक्सर समूह में ही उड़ते हैं. जब ये समूह में उड़ते हैं तो वी शेप बनाकर उड़ते हैं. शेप में सबसे आगे वाला हंस समूह की अगुवाई करता है और जब वह थक जाता है तो अपने स्थान से पीछे हट जाता है और उसकी जगह दूसरा हंस ले लेता है. दुनिया में हंसों की कई प्रजातियां होती हैं.
यह भी पढ़ें - जिस दवाई के पैकेट पर लाल लकीर बनी होती है, समझिए आपको उसका इस्तेमाल कब और कैसे करना होता है