Red Planet: दिन के समय तो आसमान में सूरज और बदल के अलावा कुछ और दिखाई नहीं देता है. लेकिन रात होते ही आसमान में बहुत सारे तारे टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं. पृथ्वी के सबसे करीब का तारा सूरज है. जिसके चारों ओर पृथ्वी सहित सौरमंडल के अन्य ग्रह भी चक्कर लगाते हैं. इनमें से एक ग्रह ऐसा है जो रात के समय लाल रंग का दिखाई देता है आइए जानते हैं यह कौन सा ग्रह है और इसके लाल होने की क्या वजह है.


कौन-सा है "लाल ग्रह"?


ग्रह के लाल होने का जिक्र आते ही बहुत से लोग समझ गए होंगे कि यहां मंगल ग्रह की बात हो रही है. जी 'हां', मंगल ग्रह को "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है. आपने तस्वीरों में देखा होगा कि मंगल ग्रह लाल रंग का होता है. वैज्ञानिक बताते हैं कि मंगल ग्रह की मिट्टी लाल होने के पीछे की वजह आयरन ऑक्साइड है. रात के समय भी मंगल ग्रह लाल रंग का दिखाई देता है. हालांकि, यह उतना स्पष्ट नहीं दिखता है, लेकिन अच्छी पावर वाली खगोल दूरदर्शी से देखने पर यह नजर आ सकता है.


मंगल को क्यों कहते हैं "लाल ग्रह"?


आसान भाषा में कहें तो मंगल ग्रह की सतह पर पाए जाने वाले तत्वों के कारण यह लाल रंग का है. मंगल की सतह पर आयरन ऑक्साइड बहुत अधिक मात्रा में है. मंगल ग्रह पर काफी लोहा है और जब यह ऑक्सीजन के अणुओं के साथ क्रिया करता है तो आयरन ऑक्साइड बनाता है. इसे आम भाषा में लोहे पर जंग लगना भी कहते हैं. अब सवाल बनता है कि आखिर मंगल पर इतनी मात्रा में लोहा कहां से आया...?


कहां से आया मंगल पर इतना लोहा?


वैज्ञानिक बताते हैं कि जब करीब 4.5 अरब साल पहले सौर मंडल के निर्माण के दौरान यह धूल और गैसों से भरा था. जिसमें लोहे जैसे भारी तत्व भी मौजूद थे. गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी ने ज्यादातर लोहे को अपनी ओर खींचा और लोहे सहित अन्य तत्व उसकी कोर में समा गए. नासा के मुताबिक, मंगल के कोर में भी लोहा है, लेकिन हल्के गुरुत्वाकर्षण के कारण कुछ लोहा इसकी ऊपरी सतह पर भी रह गया.


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