तो इस वजह से गर्मियों में मच्छर ज्यादा काटते हैं... जानिए इन्होंने खून पीना कैसे शुरू किया
रिसर्चर नोआह रोज के अनुसार, शुरुआत में मच्छर खून नहीं पीते थे. यह बदलाव मच्छरों के अंदर कई हजार साल में आया.
आपने अक्सर देखा होगा कि सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में मच्छर ज्यादा काटते हैं. लेकिन मच्छर ऐसा क्यों करते हैं...शायद कम ही लोग जानते हैं. अब इसी पर वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च किया जिसमें इस सवाल का जवाब मिल गया है, इसके साथ ही ये भी पता चला है कि मच्छर हमेशा से इंसानों का खून नहीं पीते थे, बल्कि समय के साथ हुए बदलावों ने उन्हें ऐसा बना दिया है.
गर्मी में मच्छर ज्यादा क्यों काटते हैं
गर्मी की शुरुआत का मौसम मच्छरों के प्रजनन का समय होता है और प्रजनन के लिए उन्हें नमी की आवश्यकता होती है. यही वजह है कि इस मौसम में मच्छर इंसानों का खून ज्यादा पीते हैं, ताकि वह अपनी प्रजनन प्रक्रिया को बेहतर बना सकें. हालांकि, न्यू जर्सी की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि मच्छर हमेशा से खून नहीं पीते थे, उन्होंने खून पीना शुरू किया पानी की किल्लत की वजह से... खास तौर से शहरों में जब मच्छरों को पानी की कमी महसूस होती है तो वह अपने सबसे नजदीकी शिकार इंसान और जानवरों का खून पीने लगते हैं.
रिसर्च में क्या पता चला
अफ्रीका के एडीज एजिप्टि (Aedes Aegypti) मच्छरों पर पर न्यू जर्सी की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन किया. न्यू साइंटिस्ट में प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका के मच्छरों में एडीस एजिप्टी मच्छर की कई प्रजातियां रहती हैं. इन सभी प्रजातियों के मच्छर खून नहीं पीते... बल्कि ये कई अन्य चीजों को खा-पीकर अपना गुजारा करते हैं. इस पर प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की रिसर्चर नोआह रोज कहती हैं कि उन्होंने अफ्रीका के सब-सहारन क्षेत्र के 27 जगहों से एडीस एजिप्टी मच्छरों के अंडे लिए और इन अंडों से मच्छरों को निकलने दिया. इसके बाद इंसानों और अन्य जीवों के साथ इन्हें छोड़ दिया गया. ऐसा उनके खून पीने के पैटर्न को समझने के लिए किया गया. नतीजा यह रहा कि एडीस एजिप्टी मच्छरों की अलग-अलग प्रजातियों के मच्छरों का खान-पान एकदम अलग पाया गया.
मच्छर हमेशा से खून नहीं पीते थे
रिसर्चर नोआह रोज के अनुसार, शुरुआत में मच्छर खून नहीं पीते थे. यह बदलाव मच्छरों के अंदर कई हजार साल में आया. एडीस एजिप्टी मच्छरों की खास बात यह थी कि बढ़ते शहरों की वजह से ये पानी की किल्लत से जूझने लगे. तब जाकर अंत में इन्होंने इंसानों और जानवरों का खून पीना शुरू किया. लेकिन, जहां इंसान पानी जमा करके रखते हैं... वहां पर एनोफिलीस मच्छरों (मलेरिया वाला मच्छर) को कोई परेशानी नहीं होती है. यह अपना प्रजनन कूलर, क्यारी, गमले जैसी जगहों पर आराम से कर लेते हैं. जैसे ही इन्हे पानी की कमी महसूस होती है, तब ये तुरंत इंसानों और बाकी जानवरों पर खून पीने के लिए हमला बोल देते हैं.
ये भी पढ़ें: एक आम आदमी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कैसे मिल सकता है? यहां जानें तरीका