Rolex Watches: आजकल फैशन का दौर है, सबको अच्छा दिखने का शौक है और इसमें हमारे हाथ में बंधी घड़ी भी मुख्य रूप से शामिल होती है. वैसे तो मार्केट में कई कंपनीज की घड़ियां आती हैं, लेकिन रोलेक्स घड़ी अपने आप में एक ऐसा ब्रांड है जिसको लेकर लोगों में बिना किसी विवाद के यह दुनिया की सबसे लग्जरी घड़ी है. बहुत अधिक कीमत होने के बाद भी तमाम खासियतों के चलते इस घड़ी की मांग हमेशा रही है.


बीते कुछ महीनों पहले रोलेक्स घड़ियों की कीमत को लेकर एक चौंकाने वाली बात भी सामने आई थी. वो चौंकाने वाली बात यह थी कि इसके कुछ मॉडल्स की कीमत सालभर में दोगुनी से भी ज्यादा हो गई. ऐसे में यह सवाल लाज़मी है कि आखिर इस घड़ी में ऐसा क्या खास होता है जो इसकी कीमत इतनी ज्यादा होती है? आइए जानते हैं दुनिया की सबसे महंगी घड़ी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें...


ऐसे हुई थी रोलेक्स की शुरुआत


रोलेक्स कंपनी की शुरुआत विल्स डॉर्फ और अल्फ्रेड डेविस ने साल 1905 में लंदन में की थी. इसके बाद प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान विल्स डॉर्फ लंदन से जिनेवा चले गए और फिर वहीं 1919 में रोलेक्स का मुख्यालय बन गया. आज कंपनी हर साल लगभग 10 लाख घड़ियां बनाती है. फेडरर से लेकर कोहली तक इन घड़ियों को पहनना पसंद करते हैं.


ये होती है रोलेक्स की खासियत


आसमान की ऊंचाई में, समुद्र के अंदर, एवरेस्ट की चोटी और रेगिस्तान सहित तमाम जगहों पर रोलेक्स की घड़ियों का प्रयोग और टेस्टिंग की जा चुकी है. रोलेक्स की हर एक घड़ी के बाजार में उतरने से पहले कार क्रैश जैसे कम से कम 20 टेस्ट किए जाते हैं. यह घड़ी इसे पहनने वाले व्यक्ति को बेहतरीन लुक देने से लेकर उसके शरीर की तमाम गतिविधियों को भी बताती है.


इसलिए होती है महंगी


रोलेक्स घड़ी सामान्य घड़ियों से कई तरह से अलग होती है. इसमें सबसे महंगा स्टील लगा होने के अलावा गोल्ड और प्लेटिनम भी लगा होता है. अपनी घड़ियों में इस्तेमाल करने के लिए रोलेक्स सोने की प्रोसेसिंग अपनी खुद की फैक्ट्री में ही करती है. कंपनी घड़ी के लुक से लेकर वजन और मॉडल की गोपनीयता तक का बहुत ध्यान रखती है. रोलेक्स की सबसे महंगी घड़ी की कीमत 142 करोड़ है.


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