ठंड में मोजे से क्यों नहीं आती बदबू, जानिए कितने दिनों से ज्यादा नहीं पहनने चाहिए मोजे
ठंड में हम अक्सर मोजा पहनकर सो जाते है. कई दिनों तक एक ही मोजा यूज करने के बावजूद बदबू नहीं आता है. लेकिन ये कितना सुरक्षित है, जानिए इसको लेकर विशेषज्ञों ने क्या कहा.
उत्तर भारत में शीतलहर के साथ ही ठंड तेजी से बढ़ रहा है. बीते कुछ दिनों में कई राज्यों में धूप भी देखने को नहीं मिला है. ऐसी स्थिति में लगातार तापमान में हर दिन गिरावट आ रही है और खुद को ठंड से बचाने के लिए वॉर्मर, जैकेट और मोजे समेत गर्म कपड़े पहनना जरूरी है. लेकिन अक्सर लोग रात में खुद को गर्म रखने के लिए बिस्तर पर मोजे पहन कर सो जाते हैं. आज हम बताएंगे कि ठंड में मोजे पहनकर सोना कितना सुरक्षित है और मोजे से बदबू नहीं आने पर भी कितने दिनों में मोजा बदल देना चाहिए.
रात में मोजे पहनकर सोना कितना सुरक्षित
रात में मोजा पहनकर सोने को लेकर विशेषज्ञों ने बताया कि मोजे पहनना पूरी तरह से सामान्य है और बेहतर नींद में मदद कर सकता है. क्योंकि ठंडे पैर रक्त वाहिकाओं को संकुचित करते हैं और ब्लड सरकुलेशन काफी लो रहता है. ऐसे में रात को सोते वक्त मोजे पहनकर सोना फायदेमंद होता है. लेकिन विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि बहुत टाइट मोजा पहनने से कई बार ब्लड सरकुलेशन रूक जाता है, इसलिए हमेशा आरामदायक मोजे पहनने चाहिए. इतना ही नहीं मोजे पहनने से पैर गर्म रहता है, जिससे पूरा शरीर गर्म रहता है.
ठंड में कितने दिनों में बदले मोजे
हम अक्सर देखते है कि ठंड के वक्त मोजे से बदबू नहीं आती है. इसका बड़ा कारण ये है कि ठंड में पसीना बहुत कम होता है. जिस कारण मोजे से बदबू नहीं आती है. गर्मी के वक्त एक दिन पहना हुआ मोजा अगले दिन नहीं पहन पाते है. लेकिन ठंड में हम एक ही मोजा कई दिनों तक पहन लेते है. विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड में मोजे से बदबू नहीं आता है, लेकिन मोजे में गंदगी जमती रहती है. इससे त्वचा के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, खासकर अगर वो मोजे नायलॉन जैसी सिंथेटिक फैब्रिक से बने हो. इसलिए ठंड में भी एक दिन और अधिकतम दो दिनों में मोजे बदल देने चाहिए.
कैसे मोजे सही?
हमेशा कोशिश करना चाहिए कि प्राकृतिक और मुलायम फाइबर से बने मोजे पहने. नरम फाइबर, मेरीनो वूल, कश्मीरी वूल, सूती मोजे भी बहुत ही अच्छे और आरामदायक होते हैं.