Tears Fact: हम कभी भावनाओं तो कभी दर्द के कारण रोने लगते हैं. कुछ लोग तो खुशी की वजह से भी रोने लगते हैं. आपने नोटिस किया होगा कि हम भले ही किसी भी वजह से रोए, लेकिन रोते समय आंखों में आंसू आने लगते हैं. कई बार तो ऐसा होता है कि हम रोते भी नहीं हैं, और आंखों में आंसू आने लगते हैं. इस सबके बीच यह सवाल मन में आता है कि आखिर रोने पर आंसू आने का भावनाओं से क्या कनेक्शन है. आज की इस खबर में हम जानेंगे कि रोने पर आने वाले आंसूओं के पीछे क्या विज्ञान है.


कई तरह के होते हैं आंसू


आंसू कई तरह के होते हैं. कुछ आंसू तो एलर्जी होने पर, इंफेक्शन या कोई दिक्कत होने पर आते हैं. इन इंफेक्शन वाले आंसू को वॉटरी आइज कहते हैं. ये आंखों में कोई दिक्कत होने की वजह से आते हैं. इसके अलावा कई बार आंसू तेज हवा की वजह से आंख में आते हैं, लेकिन कुछ आंसू का कारण रोने से जुड़ा है. आइए इस बारे में जानते हैं.


रोने पर क्यों आते हैं आंसू


जब हम भावुक होकर किसी भावना के एक्स्ट्रीम लेवल पर पहुंच जाते हैं तो हमारी आंखों से आंसू निकलने लगते हैं. दरअसल, जब भी कोई व्यक्ति इमोशनल होता है या फिर किसी भावना के एक्स्ट्रीम पर होता है तो शरीर में कई रिएक्शंस होती हैं. यह खुशी और दुःख दोनों समय होती है. इससे शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव भी आते हैं, जिसमें एड्रनीलिन लेवल में चेंज आदि शामिल है. इसका आंखों से भी सीधा कनेक्शन होता है, जिसकी वजह से इन हार्मोन्स में होने वाले चेंज से आंखों पर असर पड़ता है. ऐसे में, आंखों में सिक्रिशन होने लगता है और आंखों से पानी या आंसू आने लगता है.


रोना है आपके लिए अच्छा


सीधे तौर पर रोना कई इमोशन की वजह से आता है. देखा जाए तो अधिकतर इमोशन ऐसे ही शरीर पर असर डालते हैं, और आंसू छलक देते हैं. आपको यह जानकार हैरानी होगी कि अगर किसी इमोशन के ज्यादा होने पर अगर आप रो पड़ते हैं तो यह आपके शरीर के लिए बेहतर होता है. इससे ना सिर्फ आंख बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक हो जाता है.


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