About The Chameleon: अपने मुहावरों और उपमाओं के जरिए अक्सर आपने लोगों को किसी की वफादारी और व्यवहार पर सवाल उठाते हुए उसे गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला कहते सुना होगा. इससे आपने भले ही गिरगिट देखा हो या न देखा हो लेकिन गिरगिट के बारे में ये जरूर पता चल गया होगा कि गिरगिट रंग बदलता है.


आपके मन में ये सवाल कभी न कभी तो जरूर आया होगा कि आखिर गिरगिट रंग बदलने में कैसे सक्षम है और वह रंग बदलता क्यों हैं? आपके इन सवालों का जवाब हम अपने इस आर्टिकल के जरिए देंगे-


कैसे रंग बदलता है गिरगिट-


गिरगिट के रंग बदलने की क्षमता के पीछे वैज्ञानिक कारण है. उसकी त्वचा में खास तरह की क्रोमेटोफोर्स कोशिकाएं होती हैं. इन्हीं की वजह से गिरगिट अपनी जरूरत के हिसाब से रंग बदलता है. गिरगिट की त्वचा कोशिकाओं की ऊपरी परत में मौजूद नैनो क्रिस्टल की जाली को परिवर्तित या कहें कि पुनर्व्यवस्थित करके अपने रंग में परिवर्तन करते हैं.


ये कोशिकाएं छोटे क्रिस्टल की होती हैं जो कि ग्वानिन से बनी होती हैं. त्वचा में मौजूद पिगमेंट की सहायता से गिरगिट अलग-अलग तरह के रंग अपनी जरूरत के हिसाब से धारण करता है.


क्यों रंग बदलता है गिरगिट-


गिरगिट के रंग बदलने के पीछे का मुख्य कारण खुद की सुरक्षा है. जब भी वह किसी तरह का खतरा महसूस करता है तो अपने बचाव के लिए वह रंग बदलता है. इसके अलावा शिकार करने और मादा गिरगिट को आकर्षित करने के लिए नर गिरगिट के द्वारा भी रंग बदला जाता है. गिरगिट सिचुएशन के हिसाब से अपना रंग बदलता है.


वह हरे पत्तों के बीच अपनी सुरक्षा के लिहाज से हरा रंग धारण कर लेता है जिससे वह शिकारी जीव या अपने शिकार की नजर से बच जाता है. यही कारण है कि प्रकृति ने गिरगिट को रंग बदलने की अनोखी क्षमता दी है.


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