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दिल्ली-यूपी में क्यों नहीं होती SnowFall, यहां ओले ही क्यों गिरते हैं? जान लीजिए वजह

राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में भीषण ठंड पड़ रही है. वहीं पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली-यूपी में बर्फबारी क्यों नहीं होती है और उसका कारण क्या है.

राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. कुछ राज्यों में कोहरे के कारण विजिबिलिटी भी जीरो हो चुकी है. वहीं पहाड़ी इलाकों में जमकर बर्फबारी हो रही है, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि दिल्ली और यूपी जैसे जगहों पर बर्फबारी क्यों नहीं होती है, लेकिन इन इलाकों में ओले गिरते हैं. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.  

क्यों नहीं होती है बर्फबारी?

अभी जनवरी का महीना चल रहा है और ठंड अपने चरम पर है. मौसम विभाग के मुताबिक कई राज्यों में तापमान में भारी गिरावट देखने को मिल रहा है. वहीं जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में जमकर बर्फबारी भी हो रही है. हालांकि राजधानी दिल्ली और उत्तर-प्रदेश जैसे राज्यों में सिर्फ तापमान में गिरावट आई है, यहां पर बर्फबारी नहीं होती है. लेकिन क्या दिल्ली और यूपी में बर्फबारी नहीं होने के पीछे का कारण जानते हैं. 

पहाड़ों पर इसलिए होती है बर्फबारी

अब सवाल ये है कि बर्फबारी आखिर पहाड़ी इलाकों में ही क्यों होती है?  इसका कारण इन जगहों का समुद्र तल से काफी ऊपर होना है. बता दें कि समुद्र तल से काफी ऊंचाई वाली जगहों पर बर्फबारी ज्यादा होती है. वहां कम तापमान इसमें मुख्य भूमिका निभाता है. इसको ऐसे समझते हैं कि जब भाप ऊपर कम तापमान के कारण फ्रीजिंग प्वाइंट पर होते हैं, तो ये भाप बर्फ में बदलने लगते हैं. वहीं बर्फ में बदलते ही ये भारी हो जाते हैं और नीचे की तरफ आने लगते हैं. वहीं नीचे आने के समय इनका साइज घटता-बढ़ता रहता है, क्योंकि छोटे-छोटे स्नो-फ्लैक्स एक-दूसरे से टकराते रहते हैं और हवा में बिखर जाते हैं. बता दें कि  बर्फबारी होने वाले बादलों को निंबोस्ट्रैटस बादल कहते हैं.

दिल्ली और यूपी में क्यों नहीं होती बर्फबारी?

राजधानी दिल्ली समेत यूपी के कई इलाकों में कई बार तापमान माइनस तक पहुंच जाता है, लेकिन इसके बावजूद बर्फबारी नहीं होती है. बता दें कि ठंड के समय बर्फबारी के बाद जब हिमालय से हवाएं उत्तर पश्चिम के मैदानी इलाकों में चलती है, लेकिन ये हवा शुष्क होती हैं. इसलिए इन हवाओं के साथ बादल का फॉरमेशन नहीं होता है. जिस कारण तापमान में गिरावट आता है, लेकिन बर्फबारी नहीं होती है. 

मैदानी इलाकों में बर्फबारी नहीं होने का भौगौलिक कारण

एक्सपर्ट के मुताबिक बर्फबारी एक तरह की वर्षा है, जिसके लिए बादलों की जरूरत होती है. बर्फबारी के लिए दिल्ली समेत बाकी मैदानी इलाकों में बादलों का बनना जरूरी है. सर्दियों में दिल्ली में आसमान बादलों से घिरा हुआ होता है, तो बादल गर्मी को रोकते हैं, न कि इसके विपरीत काम करते हैं. वहीं बर्फबारी के लिए जमीनी स्तर पर भी तापमान शून्य से नीचे होना चाहिए, आसान भाषा में हिमांक बिंदु या उससे नीचे होना चाहिए, जो राष्ट्रीय राजधानी में होना बहुत दुर्लभ है.

क्यों गिरते हैं ओले? 

बता दें कि आसमान में तापमान शून्य से कई डिग्री कम हो जाता है, तो वहां मौजूद हवा में नमी सेंघनित यानी पानी की छोटी-छोटी बूंदों के रूप में जम जाता है. वहीं जमी हुई बूंदों पर पानी और जमता जाता है और धीरे-धीरे ये बर्फ के टुकड़े या बर्फ के गोलों का रूप धारण कर लेता हैं. इसको ओला कहते हैं. वहीं जब ये बर्फ के टुकड़े ज्यादा वजनी हो जाते हैं, तो ये आसमान से धरती पर गिरने लगते हैं. इस क्रिया के समय गर्म हवा से टकराकर ये बर्फ बूंदों में बदल जाते हैं और ये पिघलने लगते हैं. ये फिर बारिश के रूप में नीचे गिरते हैं. वहीं जो बर्फ के टुकड़े अधिक मोटे होते हैं, वो पिघल नहीं पाते हैं और नीचे धरती पर छोटे-छोटे गोल टुकड़ों के रूप में गिर जाते हैं. इन्हीं बर्फ के टुकड़ों को ओले कहते हैं.

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