Supermarket Fact: बहुत से लोग बिग बाजार, स्पेंसर जैसी सुपरमार्केट्स से ग्रॉसरी के सामानों की शॉपिंग करते हैं. जब भी आप यहां गए होंगे तो कभी न कभी आपने इस बात पर ध्यान जरूर दिया होगा कि इन सुपरमार्केट्स में खिड़कियां नहीं बनीं होती हैं. अगर आप कभी इस बात पर ध्यान देंगे तो आपके मन यह सवाल जरूर आएगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है? क्यों इन स्टोर्स में खिड़कियां नहीं बनाई जाती हैं? आइए आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह के बारे में...


साइकोलॉजी है इसका कारण
दरअसल, सुपरमार्केट्स में खिड़ियां नहीं होने का संबंध सीधा स्टोर्स मालिकों के फायदे से जुड़ा है. इसकी वजह आपको ज्यादा शॉपिंग करवाने से जुड़ी है. आइए बताते हैं कैसे...दरअसल, ऐसा करने की एक वजह यह है कि ऐसे ग्रॉसरी स्टोर्स का मकसद होता है आपको शॉपिंग करने के लायक एक माहौल देना, ऐसा माहौल जहां आपका ध्यान आसपास की दूसरी दुकानों पर न जाए और उनकी वजह से आपका ध्यान भटके न. एक स्टडी में पाया गया कि सुपरमार्केट में ग्रॉसरी शॉपिंग करते समय ग्राहक का कॉन्टैक्ट बाहर के माहौल से थोड़ी देर के लिए खत्म हो जाता है और उसका सारा ध्यान शॉपिंग पर होता है. ऐसा इसलिए ही होता है क्योंकि इन स्टोर्स में कोई खिड़की नहीं होती है.


अगर इन ग्रॉसरी स्टोर्स में खिड़कियां होंगी तो ग्राहक का ध्यान बाहर के मौसम जैसे धूप, बारिश से भटक सकता है. लेकिन, जब ग्राहक को बाहर के बारे में कुछ पता नहीं चलता तो वह आराम से शॉपिंग करता है और ज्यादा वक्त स्टोर में बिताता है. इस तकनीक का एक असर यह भी होता है कि आपका ध्यान इस पर भी नहीं जाता कि बाहर कितना अंधेरा हो रहा है और आप लेट हो रहे हैं. आप तसल्ली से शॉपिंग करते रहते हैं.


सूरज की रोशनी ब्लॉक करना 
इसके अलावा यहां खिड़कियां न होने का एक और कारण है. वह है ग्रॉसरी स्टोर्स के अंदर सूरज की रोशन सीधे न पड़ने देना. दरअसल, ग्रॉसरी स्टार्स के कई सामान ऐसे होते हैं, जिनपर सूरज की सीधी रोशनी पड़ने पर वो जल्दी खराब हो सकते हैं. ऐसे में सामान की सुरक्षा के लिहाज से भी ग्रॉसरी स्टोर्स में खिड़कियां नहीं बनी होती हैं. सामान पर सीधे धूप की रोशनी पड़ने से उसके ऊपर की पैकेजिंग का रंग भी खराब हो सकता है. ऐसा होने से से ग्राहक को सामान पुराना और खराब लग सकता है.


सुरक्षा भी एक कारण
आर्किटेक्ट्स का कहना है कि इन स्टोर्स में खिड़कियां न होने का एक कारण ये भी है कि स्टोर के मालिकों का मानना है कि स्टोर्स में एंट्री-एग्जिट के रास्ते जितने जितने कम होंगे स्टोर उतना ही सुरक्षित होगा.


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