Vasundhra Waterfall : आपने झरने की तस्वीरें देखी होंगी. सुंदर-सुंदर पेंटिंग देखी होंगी, ऐसी पेंटिंग जो बिलकुल असली लगें. यह भी हो सकता है कि आपने झरने को असल में देखा और आप उसके नीचे नहाएं भी हों. आपको कैसा लगेगा अगर हम आपसे कहें कि एक ऐसा झरना है, जिसका पानी पापी लोगों के उपर नहीं गिरता है? नेचर (Nature) बड़े कमाल की चीज़ है. नेचर अपने अंदर कई अनोखी चीज़ें समेटे हुए है और इन्हीं में से एक है यह रहस्यमयी पवित्र झरना.


झरने का नाम और पता


जिस पवित्र झरने की हम बात कर रहे हैं, उसका नाम  वसुंधरा वाटरफॉल ( Vasundhra Waterfall) है. झरना बद्रीनाथ से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर है. झरना अपने-आप में काफी अनोखा है. इसकी जलधारा मोतियों जैसी है, और करीब 400 फीट ऊंचाई से गिरती है. इस झरने की सुंदरता लोगो को स्वर्ग में होने का अहसास कराती है. यह झरना इतना ऊंचा है कि पर्वत के मूल से पर्वत शिखर तक पूरी जलधारा एक नजर में नहीं देखी जा सकती है.


पापी को नहीं छूता झरने का पानी


एक तरफ बदरीनाथ में भगवान बद्री अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं, वहीं, दूसरी तरफ यह प‌वित्र जल की धारा बहती रहती है. कई लोग उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए जाते हैं. भक्त जन बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम जाते हैं, लेकिन लोगों को इस पवित्र जल धारा के बारे में नहीं पता होता है.


झरने की खासियत
ग्रंथों की मानें तो यहां पंच पांडव में सहदेव ने अपने प्राण त्यागे थे. कहा जाता है कि इस झरने के नीचे जाने वाले हर इंसान पर झरना नहीं गिरता है, या फिर झरने का पानी पापी लोगों पर नहीं गिरता है. अगर इस झरने के पानी की बूंद किसी के ऊपर गिरती है तो इसका मतलब है कि वो एक पुण्य आत्मा है. ऐसा भी कहा जाता है कि झरने का पानी कई जड़ी-बूटियों वाले पौधों को छूकर नीचे गिरता है. इस वजह से जिस पर भी यह झरने का पानी पड़ता है, वह हमेशा के लिए निरोगी हो जाता है. 


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