वामपंथी विचारधारा से जुड़े हुए लोगों का क्रांतिकारी अभिवादन 'लाल सलाम' से ही होता है. अक्सर आपने सड़कों, यूनिवर्सिटी और तमाम जगहों पर वामपंथी विचारधारा वाले लोगों को लाल सलाम बोलते हुए सुना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल सलाम का असल मतलब क्या होता है. आज हम आपको बताएंगे कि वामपंथी विचाराधारा से जुड़े हुए लोग लाल सलाम क्यों बोलते हैं.
लाल सलाम क्यों ?
वामपंथी विचारधारा के लोग लाल सलाम ही क्यों बोलते हैं. वो नीला, पीला या किसी और रंग का इस्तेमाल क्यों नहीं करते हैं. बता दें कि लाल का मतलब क्रांति होता है, सलाम का मतलब सलाम होता है. अर्थात् वामपंथी विचारधारा के हिसाब से ये हुआ क्रांति को सलाम. भारत में यह शब्द नक्सलवाद, माओवाद और वामपंथ से जुड़े लोगों द्वारा प्रयोग किया जाता है. इसे कभी-कभी सुर्ख सलाम भी कहा जाता है. यह शब्द माओवादी नेताओं से जुड़ा चला आ रहा है.
वामपंथी और दक्षिणपंथी विचारधारा
राजनीति में अक्सर आपने वामपंथी और दक्षिणपंथी शब्द सुना होगा. लेकिन वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों में विचारधारा का फर्क है. हालांकि राजनीति में हमेशा से ऐसा कभी नहीं था. इसकी शुरुआत फ्रांस से हुई थी. बता दें कि फ्रांस की नेशनल असेंबली में संविधान को तैयार करने के लिए पहुंचे नेताओं ने ऐसा निर्णय लिया था, जिससे लेफ्ट विंग और राइट विंग का जन्म हुआ था. धीरे-धीरे ये शब्द विचार से ऐसे जुड़े कि राजनीति दो धड़ों में बंट गई और भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में इन शब्दों का इस्तेमाल होता है.
वामपंथी विंग से ताल्लकु रखने वाले लोगों का मानना है कि समाज के हर इंसान के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए. किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. यह विचारधारा बराबरी, बदलाव और प्रगति को बढ़ावा देने पर फोकस करती है. इसके अलावा यह अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूलने की बात कहती है, ताकि बराबरी का लक्ष्य हासिल किया जाए. वहीं वामपंथी विचार में राष्ट्रवाद का मतलब है सामाजिक बराबरी होता है. दक्षिणपंथी विचारधारा को रूढ़ीवादी माना गया है. इनकी आर्थिक नीति में कम टैक्स वसूलने की बात कही गई है. इसमें अधिकारियों, परंपराओं और राष्ट्रवाद को अहम दर्जा दिया गया है.
ये भी पढ़ें:इस सड़क को कहा जाता है रोड टू हेवन, ये है कारण