क्यों दूसरे देशों से बच्चे गोद नहीं ले पाएंगे डेनमार्क के लोग?
डेेनमार्क केे लोग अब दूसरेे देशों से बच्चे गोद नहीं ले पाएंगे. जिसकी वजह ये काम करने वाली देश की एकमात्र एजेंसी का बंद होना है.
कई लोग दूसरे देशों से बच्चे गोद लेकर उनका पालन पोषण करते हैं. बच्चों को गोद लिए जानेे का सिलसिला बर्षों से चला आ रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि डेनमार्क के लोग अब ऐसा नहीं कर सकते. दरअसल ये काम करने वाली डेनमार्क की एकमात्र डेनमार्क इंटरनेशनल अडॉप्शन एजेंसी (DIA) बंद हो रही है. जिसकी वजह उसपर लगने वाले अनियमितताओं के आरोप हैं.
अब विदेशों से बच्चे गोद नहींं ले पाएंगे डेनमार्क के लोग?
डेनमार्क के लोग विदेशों से बच्चों को गोद लेने के लिए इस तरह का काम करने वाली वहां की एकमात्र एजेंसी डेनमार्क इंटरनेशनल अडॉप्शन का सहारा लेते थे, लेकिन क्योंकि अब वो बंद होने जा रही है इसलिए अब वहां के लोग दूसरे देशों के बच्चों को गोद लेनेे में असमर्थ होंगे.
एजेंसी नेे हाल ही में जारी किए एक बयान में कहा कि वो सिलसिलेवार तरीके से अपनी गतिविधियां समेटना शुरू कर रही है. दरअसल इस कंपनी पर मेेडागास्कर में एंजेंसी का कामकाज पिछले साल ही बंद हो गया था. कंपनी पर फ्रॉड करने के आरोप लगे थे. ऐसे में अब कंपनी का कहना हैै कि उसके अपना कामकाज बंद करने के अलावा अब कोई रास्ता नहीं बचा है.
2010 के बाद गोद लेनेे के मामलों में 10 गुना आई कमी
डेनमार्क में 2010 के बाद विदेशों से बच्चों को गोद लेने के मामलों में 10 गुना कमी देखी गई है. साल 2010 में वहां 418 बच्चों को गोद लिया गया था. वहीं डेनमार्क कीी इस संस्था केे अनुसार उसके पास फिलहाल बच्चों को गोद दिलवाने के 36 मामले हैं लेकिन उसे भी नहीं पता है कि अब इन मामलों का क्या होगा. वहीं जब मीडिया में अवैध रूप से बच्चे गोद लिए जाने की खबरें आईं थीं उसके बाद पिछले साल दिसंंबर में नॉर्वे ने भी फिलीपींस, ताइवान और थाईलैंड से बच्चों को गोद लेने पर गोद लगा दी थी.
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