Nuclear Powered Batteries: वो दूर नहीं जब आप परमाणु से चलने वाली बैटरियों का इस्तेमाल करेंगे. हालांकि, आप परमाणु बैटरी की आवाज से परेशान हो सकते हैं, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं कि यह उर्जा का शक्तिशाली स्रोत है. वहीं, यह दुनिया परमाणु बैटरी के बाद पूरी तरह बदल जाएगी. अगर ऐसा संभव हुआ तो फिर आपको अपने घर में लगी इन्वर्टर और इलेक्ट्रिक कार को बार-बार चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि यह अगले 100 सालों तक बिना चार्जिंग के चलती रहेगी.


अगर ऐसा हुआ को पूरी तरह बदल जाएगी दुनिया?


रूसी वैज्ञानिकों ने तकरीबन 6 साल पहले ऐसी परमाणु शक्ति चालित छोटी बैटरी विकसित कर लेने का दावा किया था, जिसे एक बार चार्ज करने पर 100 साल तक चलती रहेगी. वहीं, इसके अलावा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लगातार परमाणु बैटरी पर काम कर रही है. दरअसल पहले से मौजूद परमाणु बैटरियां बहुत बड़ी होती थीं, लेकिन नई खोज के बाद दिल में लगने वाले पेसमेकर की बैटरी के बराबर आकार की परमाणु बैटरी होगी.


ये भी पढ़ें-


IAS अधिकारी की नौकरी कौन और कैसे छीन सकता है? जान लीजिए नियम


मास्को के सुपरहार्ड व नॉवल कार्बन मैटीरियल्स संबंधी तकनीकी संस्थान के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि यह परमाणु बैटरी 3300 मिलीवाट-घंटा प्रति ग्राम की ऊर्जा देती है, जो उतने ही आकार की सामान्य बैटरी से करीब 10 गुना ज्यादा ऊर्जा है.


ये भी पढ़ें-


आखिर क्या है वॉकिंग निमोनिया और दिल्ली में क्यों बढ़ रहे इसके मामले? जानिए निमोनिया से कितना अलग है ये


मानवीय कोशिकाओं पर कोई बुरा प्रभाव नहीं


दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि प्रोटोटाइप बैटरी हीरे से बने सेमीकंडक्टर (स्कॉट्टकी डायोड) और रेडियाएक्टिव रसायन से बनी है. इसके अलावा बीटा रेडिएशन (इलेक्ट्रॉन व पोजिट्रॉन पर आधारित) तकनीक के कारण मानवीय कोशिकाओं पर कोई बुरा प्रभाव नहीं होगा.


ये भी पढ़ें-


कहीं मीठा तो कहीं खारा, हर जगह अलग क्यों होता है पानी का टेस्ट? जान लें इसकी वजह