हर साल कई देशों में साल दर साल गर्मी नए रिकॉर्ड बना रही है. कई देशों का तापमान साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है. ग्लोबल वार्मिंग को इसका कारण बताया जा रहा है. हालांकि अब वैज्ञानिकों ने इसका उपाय ढूंढ लिया है और ये उपाय है हीरे की धूल. जी हां, हीरे की धूल को धरती को ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. चलिए जानते हैं कि आखिर ये होगा कैसे.
हीरे की धूल क्या है?
हीरे की धूल छोटे-छोटे कणों का समूह है, जो कि प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से निर्मित हो सकते हैं. ये कण सूर्य के प्रकाश को अलग-अलग तरीके से परावर्तित करते हैं और वातावरण में अन्य कणों के साथ मिलकर एक बहुत ही खास प्रभाव पैदा करते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि हीरे की धूल का उपयोग वातावरण में मौजूद गर्मी को कम करने के लिए किया जा सकता है.
कैसे काम करती है हीरे की धूल?
हीरे की धूल का एक खास गुण यह है कि यह सूर्य की किरणों को अपने से परावर्तित कर सकता है. जब हीरे की धूल को वातावरण में छिड़का जाता है, तो यह सूर्य की गर्मी को अवशोषित नहीं होने देती, जिससे पृथ्वी का तापमान कम होता है. इसके अलावा, हीरे की धूल का आकार और रासायनिक संरचना इसे दूसरे कणों की तुलना में अधिक प्रभावी बनाती है.
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क्यों बढ़ रहा दुनिया का तापमान?
वैश्विक तापमान में वृद्धि का मुख्य कारण मानव गतिविधियां हैं, जैसे कि जीवाश्म ईंधन का जलना, वनों की कटाई और औद्योगिक प्रदूषण. ये सभी कारक ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा को बढ़ाते हैं, जो पृथ्वी की गर्मी को रोकती हैं. इसलिए यदि हम इस स्थिति को सुधारना चाहते हैं, तो हमें ऐसे उपायों की जरुरत है जो वातावरण में मौजूद इन गैसों को कम कर सकें.
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कैसे किया जाएगा हीरे की धूल का उपयोग?
वैज्ञानिकों का मानना है कि हीरे की धूल का निर्माण और उपयोग करना बाकी चीजों की तुलना में सस्ता हो सकता है, खासकर यदि इसे औद्योगिक कचरे से प्राप्त किया जाए. साथ ही अगर हीरे की धूल का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है, तो यह तापमान को कम करने में खास भूमिका निभा सकता है. इस तरह से दूसरी चीजों से होने वाले प्रदूषण को भी कम किया जा सकता है. साथ ही इससे वायु प्रदूषण में भी सुधार होने की संभवना है.
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