![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
क्या अब खत्म हो जाएगा भारत का चंद्रयान-3 मिशन! गहरी नींद में सो गया प्रज्ञान रोवर
लैंडिंग के बाद दस दिनों तक अच्छे से काम करने के बाद चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर चांद के साउथ पोल पर सुरक्षित जगह पार्क कर दिया गया था, लेकिन वो अभी तक फिर से शुरू नहीं हो पाया है.
![क्या अब खत्म हो जाएगा भारत का चंद्रयान-3 मिशन! गहरी नींद में सो गया प्रज्ञान रोवर Will India Chandrayaan 3 mission end now Pragyan Rover fell into deep sleep क्या अब खत्म हो जाएगा भारत का चंद्रयान-3 मिशन! गहरी नींद में सो गया प्रज्ञान रोवर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/02/6edf04dd18d54a0d10c23119b7d7644c1696238958341617_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
भारत के चंद्रयान-3 मिशन में तीन तारीखों का महत्व हमेशा रहेगा. इनमें पहला है 14 जुलाई 2023. ये वही तारीख थी जब भारत ने अपना चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया था. दूसरी महत्वपूर्ण तारीख थी 23 अगस्त 2023...जब चंद्रयान ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड करके पूरी दुनिया में इतिहास रच दिया था. वहीं अंतिम महत्वपूर्ण तारीख थी 3 सितंबर 2023 जब इस मिशन का सबसे खास हिस्सा प्रज्ञान रोवर गहरी नींद में सो गया. इसके बाद से आज तक प्रज्ञान रोवर नहीं जगा, इसलिए ये सवाल भी उठने लगा है कि क्या भारत का चंद्रयान मिशन अभी यहीं खत्म हो गया.
अभी भी है उम्मीद
कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया कायम है. भारत का चंद्रयान-3 मिशन भी अब इसी उम्मीद पर कायम है. दरअसल, लैंडिंग के बाद दस दिनों तक अच्छे से काम करने के बाद चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर चांद के साउथ पोल पर सुरक्षित जगह पार्क कर दिया गया था, ये सोच कर कि 11वें दिन जब सूरज फिर से निकलेगा और इसके सोलर पैनल पर धूप पड़ेगी तो ये फिर से चल पड़ेगा. हालांकि, ऐसा हुआ नहीं. इस वक्त जिस शिवशक्ति प्वांइट पर चंद्रयान-3 लैंड हुआ था, वहां से मात्र 100 मीटर की ही दूरी पर रोवर खड़ा है.
हम तक पहुंच चुका है बहुत सा डाटा
लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर पर लगे दोनों पेलोड APXS और LIBS में ही सारा डाटा इकट्ठा हुआ था और बंद होने से पहले इन आंकड़ों को धरती पर वैज्ञानिकों के पास भेज दिया गया था. इसमें कई ऐसी जानकारियां थीं जो अभी तक दुनिया के सामने नहीं आई थीं. दरअसल, चंद्रयान-3 अकेला ऐसा मिशन था जो चांद के साउथपोल में सफलतापूर्वक कामयाब हुआ था. यही वजह है कि पूरी दुनिया को इस मिशन से काफी उम्मीद हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि एक दिन शायद चांद पर सुर्योदय के साथ साथ प्रज्ञान रोवर भी चल पड़े और पृथ्वी से उसका कनेक्शन जुड़ जाए.
ये भी पढ़ें: इस देश में घूमने आए पर्यटकों को खुद राष्ट्रपति कराते हैं सैर, इंडिया के एक परिवार से भी कम है इसकी कुल जनसंख्या
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. अमित सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/8c07163e9831617114971f5a698471b5.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)