18 वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. 542 सीटों पर हुए मतगणना में एनडीए गठबंधन की सरकार ने बहुमत हासिल किया है. लेकिन दो सीटों ने खासकर करके देशभर को चौंका दिया है. पंजाब की खडूर साहिब सीट से एनएसए के तहत जेल में बंद अमृतपाल ने जीत दर्ज की है. वहीं कश्मीर के बारामूला से टेरर फंडिंग के आरोप में जेल में बंद अब्दुल राशिद शेख ने जीत दर्ज की है. लेकिन अब सवाल ये है कि क्या इन दोनों आरोपियों की सदस्यता रद्द हो सकती है? आज हम आपको इस सवाल से जुड़े सभी जवाब बताएंगे. 


जेल से जीता चुनाव


 पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़ा अमृतपाल सिंह जीत गया है. बता दें कि अमृतपाल नेशनल सिक्योरिटी एक्ट में असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. उसने जेल से ही अपना नामांकन भर के जीत दर्ज की है. इसके अलावा टेरर फंडिंग के आरोप में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद अब्दुल राशिद शेख उर्फ इंजीनियर राशिद ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला सीट से जीत हासिल की है. राशिद ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला को 2 लाख 32 हजार 73 वोटों से हराया है. 


सदस्यता रद्द? 


सवाल ये है कि क्या जेल से संसद के सदस्य चुने जाने वाले इन नेताओं की सदस्यता रद्द हो सकती है? जानिए संविधान में इसको लेकर क्या नियम हैं.


• भारतीय संविधान के नियमों के मुताबिक जेल से कोई भी भारतीय नागरिक चुनाव लड़ सकता है.
• किसी उम्मीदवार के खिलाफ किसी मामले में आरोप सिद्ध होने और दो साल से ज्यादा सजा मिलने पर सदस्यता रद्द हो सकती है. 
• अमृतपाल सिंह और राशिद शेख के खिलाफ अभी तक आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं, इसलिए उन्हें चुनाव लड़ने की छूट मिली थी.
• लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 62(5) के तहत जेल में बंद कैदी को वोट देने का अधिकार नहीं होता है.
• जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(1) और (2) के तहत प्रावधान है कि  अगर कोई सांसद या विधायक हत्या, दुष्कर्म, धर्म, भाषा, आतंकवादी गतिविधि, संविधान को अपमानित करने जैसे आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होता है, तो संसद और विधानसभा से उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी. 


• जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (3) के तहत यदि किसी व्यक्ति को दोषी ठहराया जाता है और उसे कम से कम दो साल की जेल की सजा सुनाई जाती है. इसके बाद वह रिहाई की तारीख से छह साल तक चुनाव लड़ने से स्वतः ही अयोग्य हो जाता है.


• निचली अदालत से सजा पाया व्यक्ति ऊपरी अदालत में जाकर अपनी सदस्यता बचाने की अपील कर सकता है. 


बता दें कि अब्दुल शेख रशीद और अमृतपाल सिंह केस में जांच एजेंसी लगातार जांच कर रही है. वहीं जांच एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट में आरोप सिद्ध होने पर अब्दुल रशीद और अमृतपाल सिंह की सदस्यता रद्द हो जाएगी. 


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