दुनियाभर के वैज्ञानिक पृथ्वी के वायुमंडल में एक ऐसे एस्टेरॉयड के आने से आश्चर्य में थे जिसका पहले पता ही नहीं चल पाया था. 2024 RW1 नामक इस छोटे एस्टेरॉयड की चौड़ाई सिर्फ़ एक मीटर (3 फ़ीट) थी, जिसकी पहचान फ़िलीपींस के ऊपर आसमान में चमकने से सिर्फ़ आठ घंटे पहले ही हो पाई थी. ये एस्टेरॉयड इतना छोटा था कि इससे कोई नुकसान नहीं हो पाया था. हालांकि अगले महीने धरती से एक खतरनाक एस्टेरॉयड टकरा सकता है. जो हमारी धरती के लिए बड़े खतरे का निशान है.


अगले महीने धरती से टकरा सकता है ये एस्टेरॉयड


दरअसल 2007 FT3 को “खोया हुआ एस्टेरॉयड” कहा जाता है. क्योंकि इसे आखिरी बार साल 2007 में देखा गया था. अनिश्चितता के बावजूद, नासा ने इसके प्रभाव की कम संभावना का अनुमान लगाया है, इस एस्टेऱॉयड की 3 मार्च 2030 को पृथ्वी से टकराने की संभावना 10 मिलियन में 1 (0.0000096%) है, और 5 अक्टूबर 2024 को 11.5 मिलियन में 1 (0.0000087%) की थोड़ी कम संभावना है. यदि किसी भी साल में कोई प्रभाव होता है, तो क्षुद्रग्रह की ऊर्जा रिलीज 2.6 बिलियन टन टीएनटी के बराबर होगी, जिससे संभावित रूप से क्षेत्रीय तबाही हो सकती है, लेकिन इससे दुनिया के तबाह होने की संभावना नहीं है.


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इसरो चीफ ने दी चेतावनी


वहीं इसके इतर इसरो चीफ डॉ. सोमनाथ ने एक इंटरव्यू में कहा है कि यदि एक बड़ा एस्टेरॉयड धरती से टकराता है तो इंसानियत खत्म हो जाएगी. इससो लगातार इस एस्टेऱॉयड पर नजर रख रहा है. उसे ट्रैक कर रहा है. इसकी ट्रैकिंग के लिए नेटवर्क फॉर स्पेस ऑबजेक्ट्स ट्रैकिंग एंड एनालिसिस (NETRA) प्रोजेक्ट चल रहा है. इस खतरनाक एस्टेरॉयड का नाम एपोफिस (Apophis) है.


ये एस्टेऱॉयड तीन फुटबॉल स्टेडियम , आईएनएस विक्रमादित्य, मोटेरा वाले दुनिया के सबसे नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम के बराबर है. बता दें इसकी खोज साल 2004 में की गई थी. वैज्ञानिकों को इस बात की आशंका है कि ये धरती से टकरा सकता है. हालांकि इसके धरती से टकराने की संभावना बेहद कम ही जताई जा रही है लेकिन साइंटिस्ट इस बात से मना भी नहीं कर रहे हैं कि ये एस्टेऱॉयड टकरा सकता है.


पांच साल बाद धरती के बहतु करीब आएगा ये एस्टेरॉयड


गौरतलब है कि एस्टेरॉयड एपोफिस 1230 फीट चौड़ा है. यह करीब साढ़े तीन फुटबॉल मैदान के आकार के बराबर है.  धरती से इसकी टक्कर साल 2068 में धरती से टकरा सकता है. लेकिन उससे पहले यह दो बार धरती के पास से निकलेगा. एक तो अभी से पांच साल बाद 13 अप्रैल 2029 में. तब ये धरती से मात्र 32 हजार किलोमीटर दूर से निकलेगा. इससे ज्यादा दूर तो भारत के जियोस्टेशनरी सैटेलाइट तैनात हैं. दूसरी बार साल 2036 में. इसरो का अंदाजा है यदि ये एस्टेरॉयड धरती से टकराता है तो वो पूरी दुनिया को खत्म कर सकता है.


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