उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों में इन दिनों भेड़िये का आतंक है. वहीं मध्य प्रदेश के भी कुछ इलाके भेड़िये के आतंक से परेशान हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद उन इलाकों में लोगों से मिलने पहुंचे जहां भेड़ियों के आंतक से लोग परेशान हैं. इन दिनों लोग झुंड में घूमने वाले इस जानवर के खौफ से परेशान हैं. कई गांवों में तो लोग डर के चलते अपने घरों में न रहकर ग्राम पंचायतों में रह रहे हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर बेड़िये किन्हें सबसे ज्यादा शिकार बनाते हैं और ये एक दिन में कितना सफर तय कर लेते हैं? चलिए जानते हैं.


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सबसे ज्यादा किन्हें शिकार बनाते हैं भेड़िये?


आमतौर पर भेड़िये से हर इंसान डरता है. खूंखार भेड़िया किसी को भी मौत के घाट उतार सकता है, लेकिन बता दें बड़े इंसानों से ज्यादा बच्चे भेड़ियों के निशाने पर होते हैं. बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं और आकार में छोटे होते हैं. इसलिए ये सबसे ज्यादा इन्हें शिकार बनाते हैं. इनका हावभाव और शरीर इन्हें और फायदा पहुंचाता है. कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि बच्चे भेड़ियों को कुत्ता समझ लेते हैं और उनकी तरफ आकर्षित होकर खेलने के लिए चल देते हैं. इस तरह से भेड़ियों के लिए बच्चे आसान शिकार होते हैं.


इसके अलावा भेड़िया विशेषज्ञ हैम बर्गर का कहना है कि भेड़िए खेलने, धमकी देने या काटने के लिए हमला नहीं करते हैं बल्कि वो भूख मिटाने के लिए भोजन को तलाशते हैं और बच्चे उनका सबसे आसान शिकार होते हैं. यही वजह है कि जहां भी भेड़िए का आतंक होता है वहां बच्चों के मौत की खबरें ज्यादा आती हैं और लोग भेड़ियों से बच्चों के कपड़ों को भी दूर रखने की कोशिश करते हैं.


रोजाना कितना सफर तय करते हैं भेड़िये?


बता दें भेड़िए में अपने समूह में एक दिन में करीब 50 किलोमीटर तक का सफर करते हैं. ये अपने साथियों से बात करने के लिए कई तरह तरीके अपनाते हैं. जैसे ये आवाज से बॉडी लैंग्वेज और अपनी गंध छोड़ते हुए. इसे ऐसे समझें कि उभरे हुए कान और सीधी पूंछ अपने प्रभाव के बारे में बताते हैं. जैसे कि ये हावी होने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि खुले दांत और चेहरा आगे की ओर बढ़ाकर धमकी भरा संदेश देते हैं.


भेड़ियों के लिए विशेषज्ञों का कहना है कि ये दोस्ती के मामले में बहुत सच्चे होते हैं. ये अपने साथियों की देखभाल करने में आगे होते हैं. साथ ही ये बूढ़े होने तक बमुश्किल ही अपने दोस्त का साथ छोड़ते हैं. ये अपने अनुभवों की जानकारी अगली पीढ़ियों में पहुंचाते हैं. पुराना भेड़िया नए को शिकार करने की रणनीति सिखाता है.


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