ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत के बाद ईरान में 28 जून को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उम्मीदवार रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन नियमों के कारण ईरान में महिलाओं को राष्ट्रपति बनने पर रोक है. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.
राष्ट्रपति पद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू
ईरान में 28 जून को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है. ईरान में कई सारे उम्मीदवारों के बीच राष्ट्रपति बनने की रेस में एक पूर्व महिला विधायक ज़ोहरे इलाहियन भी हैं. लेकिन चुनाव लड़ने से पहले ही उनकी राष्ट्रपति की दावेदारी समाप्त मानी जा रही है. अब सवाल ये है कि आखिर किन नियमों के तहत उनकी दावेदारी खत्म यानी चुनाव लड़ने से पहले ही समाप्त मानी जा रही है.
कौन है इलाहियन
इलाहियन ईरान की नागरिक हैं और उनकी उम्र 57 साल है. इसके अलावा पेशे से वो एक चिकित्सक भी हैं. राजनीति में आने के बाद दो बार उन्हें संसद के लिए चुना जा चुका है. इसके अलावा वो संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति समिति की सदस्य भी रही हैं. लेकिन फिर भी उनके राष्ट्रपति बनना मुश्किल बताया जा रहा है.
उम्मीदवारों को कौन देता है मंजूरी?
अब सवाल ये है कि ईरान में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नामों की मंजूरी कौन देता है? ईरान में चुनाव और कानून की देखरेख गार्जियन काउंसिल करती है. बता दें कि यह 12-सदस्यों वाली ज्यूरिस्ट की एक काउंसिल है, जिसके सदस्य या तो सर्वोच्च नेता द्वारा नियुक्त होते हैं या अप्रूव होते हैं. गार्जियन काउंसिल पांच दिन की पंजीकरण अवधि के बाद राष्ट्रपति पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की जांच करेगी.
वहीं ईरानी आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने स्टेट टीवी को बताया था कि जांच प्रक्रिया सात दिनों की होती है. इसके बाद फिर योग्य उम्मीदवारों के पास चुनाव प्रचार के लिए लगभग दो सप्ताह का समय मिलता है.वहीं गार्जियन काउंसिल 11 जून को योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी.
ईरान में महिलाओं को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोक?
जानकारी के मुताबिक ईरान के चुनावी कानून कहता है कि राष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की उम्र 40 से 75 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वहीं उनके पास कम से कम मास्टर डिग्री होनी चाहिए. लेकिन ईरानी संविधान के अनुच्छेद 115 की वजह से महिला उम्मीदवारों की दावेदारी मुश्किल मानी जा रही है.
आर्टिकल 15 के मुताबिक राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार प्रसिद्ध धार्मिक और राजनीतिक हस्तियों में से कोई रेजल होना चाहिए. बता दें कि रेजल मूल रूप से एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब पुरुष होता है. हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार केवल पुरुष हो सकते हैं या पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवारों को शामिल किया जा सकता है.बता दें कि ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक 2001 के राष्ट्रपति चुनावों में 47 महिलाओं ने पंजीकरण कराया था. लेकिन गार्जियन काउंसिल द्वारा सभी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इलाहियन समेत 80 उम्मीदवारों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए रजिस्ट्रेशन किया है.
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