डायबिटीज भारत में अब काफी आम होता जा रहा है. भारत के अधिकतर घरों में डायबिटीज का मरीज मिल रहा है और कई मौत का कारण भी डायबिटीज बना है. भारत में लगातार बढ़ रही डायबिटीज के मरीजों की संख्या बताती है कि डायबिटीज किस तरह से भारत में पांव पसार रहा है. तो आज 'वर्ल्ड डायबिटीज डे' के मौके पर आपको बताते हैं कि भारत में डायबिटीज की क्या स्थिति और ये स्थिति कितनी भयावह है. इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि विश्व स्तर पर भी डायबिटीज के कितने मरीज हैं.


दुनियाभर में क्या है डायबिटीज की स्थिति?


दुनियाभर में लगातार डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट बताती है कि  साल 1980 के दौरान दुनिया में 108 मिलियन मरीज डायबिटीज के थे, लेकिन 2014 में यह संख्या 422 मिलियन हो गई थी. इसके बाद से ये कम कमाई या मिडिल इनकम वाले देशों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. दरअसल, डायबिटीज की वजह से शरीर के कई हिस्सों पर असर पड़ता है और कई बार ये मौत का कारण बनते हैं. जैसे 2019 में 2 मिलियन यानी करीब 20 लाख लोगों की मौत का कारण डायबिटीज और किडनी था. 


साल 2019 में डायबिटीज की वजह से सीधे 1.5 मिलियन लोगों की मौत हो गई थी और इसमें 48 फीसदी मौतें 70 साल की उम्र से पहले हुई थी. इसके अलावा 46 हजार लोगों की मौत डायबिटीज की वजह से हुई किडनी की दिक्कत वजह से हुई और डायबिटीज की वजह से होने वाली सीने में दिक्कत की वजह से भी कई लोगों की मौत हो गई. बता दें कि डायबिटीज अक्सर अंधापन, किडनी फेलियर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि का कारण बनता है.


भारत की क्या है कहानी?


ये तो आपने जान लिया कि दुनिया भर में डायबिटीज की संख्या काफी ज्यादा है, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत की स्थिति भी काफी भयावह है. डायबिटीज के मरीजों के मामले में भारत का दूसरा स्थान है. चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज है. बता दें कि भारत में 77 मिलियन लोग डायबिटीज से परेशान हैं और इसमें 12.1 मिलियन लोग 65 साल से कम के हैं और माना जा रहा है कि 2045 तक ये आंकड़ा 27 मिलियन को पार कर जाएगा. कहा जा सकता है कि भारत में हर 11 लोगों में से एक शख्स को डायबिटीज है. 


अगर मरने वाले लोगों की संख्या की बात करें तो साल 2020 में 7 लाख ऐसे लोगों की मौत हुई है, जिनके डायबिटीज की वजह से किडनी, हाइपरग्लेसिमिया जैसे रोग हुए थे. वहीं, भारत में पुरुष और महिलाओं में लगभग बराबर मरीज हैं और सबसे ज्यादा 70 साल से ज्यादा उम्र के लोग इससे परेशान हैं. कई सर्वे में सामने आया है कि भारत में मौत का 7वां कारण अब डायबिटीज बनता जा रहा है और हर साल करीब 9-10 लाख इसकी वजह से अपनी जान गवां रहे हैं. 


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