World Drowning Prevention Day: भारत में हर साल डूबने से हो जाती है इतने लोगों की मौत, हैरान कर देगा आंकड़ा
दुनियाभर में हुए अलग-अलग हादसों में करोड़ों लोग अपनी जान गवा देते हैं. इस मामलों में तीसरा सबसे बड़ा कारण डूबने से होने वाली मौतों का है.
World Drowning Prevention Day: दुनियाभर में कई लोग पानी में डूबकर अपनी जान गवा देते हैं. संयुक्त राष्ट्र के डेटा के मुताबिक, हर साल 2,36,000 लोगों की जान पानी में डूबने से चली जाती है. ये बहुत बड़ा आंकड़ा है, कई बार ज्यादा बारिश के कारण आई बाढ़ परिवारों को ही खत्म कर देती है तो कई बार नदियों को जल बढ़ जाने से ऐसे हादसे देखने को मिलते हैं.
ऐसे में इनसे बचाव बहुत जरुरी है, जिनके लिए जरुरी सावधान की भी आवश्यकता होती है. इन्हीं सब मुद्दों पर वैश्विक स्तर पर सामूहिक जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से अप्रैल 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 25 जुलाई को विश्व डूबने से बचाव का दिवस मनाने के प्रस्ताव पर सहमति दी थी, जिसके बाद से ही ये खास दिन मनाया जा रहा है.
भारत में हर साल डूबने से होती है इतने लोगों की मौत
अनुमान के मुताबिक हर साल डूबने की वजह है हर साल 2,36,000 लोग अपनी जा गवां देते हैं. डूबने से होने वाली मौतों का ये आंकड़ा काफी भयावह है जो एक गंभीर समस्या भी बन गई है. वहीं भारत की बात करें तो हमारे देश में 2022 के सरकारी डेटा के अनुसार 39 हजार लोगों की मौत हर साल डूबने से हो जाती है. इनमें लगभग 31 हजार पुरूष तो वहीं 8 हजार महिलाएं शामिल हैं. इन मौतों के पीछे मुख्य वजह देश के बड़े हिस्से में सालाना बाढ़, असुरक्षित जल स्रोतों में स्नान, नौका हादसा प्रमुख है. कई बार बच्चे हो या बड़े बिना सुरक्षा मानकों व उचित मार्गदर्शन के स्नान करने, जल भरने, तैराकी सीखने या डूबते हुए किसी व्यक्ति को बचाने के चक्कर में अपनी जान गंवा देते हैं.
डूबने से होने वाली मौतों में प्रमुख राज्य
कुछ राज्य ऐसे हैं जहां डूबने से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. इस वजह से सबसे ज्यादा मौतें 5427 मध्य प्रदेश, 4728 महाराष्ट्र, 3007 उत्तर प्रदेश, 2095 बिहार, 2827 कर्नाटक, 2616 तमिलनाडु, 2152 राजस्थान में होती हैं.
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