नशीली दवाओं का कारोबार पूरी दुनिया में होता है. खासतौर से युवा सबसे ज्यादा इसका शिकार होते हैं. यही वजह है कि हर साल 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी को लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए वर्ल्ड ड्रग डे मनाया जाता है. वर्ल्ड ड्रग डे के दिन लोगों को बताया जाता है कि कैसे ये नशीली दवाएं हमारे समाज को खोखला कर रही हैं और युवाओं के भविष्य को अंधेरे में धकेल रही हैं. इसके अलावा नशीली दवाओं के ओवर डोज और इनसे होने वाले गंभीर परिणामों के बारे में भी वर्ल्ड ड्रग डे के दिन लोगों को जागरुक किया जाता है.
कब से मनाया जा रहा वर्ल्ड ड्रग डे
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1978 में वर्ल्ड ड्रग डे की स्थापना की. इसी साल ये तय किया गया कि हर साल 26 जून को वर्ल्ड ड्रग डे मनाया जाएगा. इस तारीख को चुनने के पीछे भी एक कहानी है. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 26 जून को इसलिए चुना क्योंकि यह 1971 में नशीले पदार्थों के कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने के साथ मेल खाता है. इस कन्वेंशन का उद्देश्य था कुछ देशों द्वारा नशीले पदार्थों के निर्माण, आयात, निर्यात, वितरण और उपयोग को नियंत्रित करना था. इसके अलावा यह तारीख ग्वांगडोंग में अफीम के व्यापार को खत्म करने के लिए किए गए लिन ज़ेक्सू के प्रयासों की याद भी दिलाती है.
क्या है इस बार की थीम
वर्ल्ड ड्रग डे के लिए हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है और फिर इसी थीम के साथ इसे सेलिब्रेट किया जाता है. साल 2024 के लिए जो थीम है वो है साक्ष्य स्पष्ट है: रोकथाम में निवेश करें. वहीं साल 2023 में वर्ल्ड ड्रग डे की जो थीम थी उसका मतलब था लोग पहले कलंक और भेदभाव को रोकें और रोकथाम को मजबूत करें. जबकि, 2022 में अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम स्वास्थ्य और मानवीय संकटों में मादक द्रव्य चुनौतियों का समाधान थी.
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