World Emoji Day 2024: इमोजी किसी भी चैट का जरुरी हिस्सा बन गई हैं. सोशल मीडिया पर इनका भरसक इस्तेमाल किया जाता है. इमोजी के जरिये लोग अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं, हालांकि कम ही लोग जानते हैं कि इमोजी की लाइब्रेरी यूं ही अपडेट नहीं हो जाती, बल्कि इसका ध्यान रखने के लिए एक कमिटी है. चलिए आज वर्ल्ड इमोजी डे के खास मौके पर इसके बारे में जानते हैं.
कौन करता है समय-समय पर इमोजी लाइब्रेरी को अपडेट?
बता दें आपको जो इमोजी दिख रही होती है, वो ऐसे ही कहीं से नहीं आ जाती, बल्कि इसेक लिए एक खास कमिटी होती है जो इसका ध्यान रखती है और समय-समय पर इसे अपडेट करती है. जिसका नाम यूनिको़ड टेक्निकल कमिटी (Unicode Technical Committee) है. इस कमिटी के द्वारा ही किसी नए इमोजी को अप्रूव किया जाता है, जिसके बाद कोई नया इमोजी इमोजी लाइब्रेरी में जु़ड़ता है. यूनिकोड तकनीकी समिति (यूटीसी) तिमाही आधार पर बैठक करती है ताकि ये तय किया जा सके कि नए अक्षर एनकोड किए जाएंगे या नहीं.
किसी भी नए इमोजी को एड करने के लिए इस समिती के पूरे सदस्यों में से आधों का अप्रूवल बेहद जरुरी होता है.
कमिटी में हैं कितने सदस्य?
किसी भी नए इमोजी को अपडेट करने का काम यूनिको़ड टेक्निकल कमिटी द्वारा किया जाता है. इस समिती में 9 सदस्य हैं. जो सभी तकनीकी कंपनियां हैं एडोब , एयरबीएनबी , ऐप्पल , गूगल , मेटा , माइक्रोसॉफ्ट , नेटफ्लिक्स , सेल्सफोर्स और ट्रांसलेटेड.
यूटीसी किसी भी संगठन या व्यक्ति से दस्तावेज़ स्वीकार करता है, चाहे वो यूनिकोड कंसोर्टियम के सदस्य हों या न हों. साथ ही ये बैठकें थोड़ी गुप्त होती हैं जो बंद दरवाजों के पीछे होती हैं. यूटीसी एक ही बैठक में इमोजी और स्क्रिप्ट दोनों प्रस्तावों पर नियम बनाता है. इसके अप्रूवल के बाद ही नया इमोजी एड किया जाता है. यदि इस समिति का अप्रूवल किसी इमोजी को नहीं मिलता है तो वो इमोजी लाइब्रेरी में एड नहीं किया जा सकता. साथ ही इमोजी पर नजर रखने का काम भी यूटीसी का ही है.
यह भी पढ़ें: World Emoji Day 2024: टैटू बनवाने के बाद नहीं मिलती है ये सरकारी नौकरी, देखते ही कर देते हैं रिजेक्ट