दुनिया में किसे लगाया गया था इंसुलिन का पहला इंजेक्शन, उस मरीज के साथ क्या हुआ था?
बिगड़ती लाइफस्टाइल, खानपान और बेतरतीब वर्क कल्चर के वजह से डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में डायबिटीज से पीड़ित कुल वयस्कों की संख्या 82.8 करोड़ थी.
दुनिया में बढ़ते डायबिटीज के मरीजों के साथ इंसुलिन शब्द भी आम हो गया है. आज की लाइफस्टाइल और खान-पान कुछ ऐसा हो गया है कि हर घर में एक से दो लोग डायबिटीज के पेशेंट हैं और इंसुलिन लेना उनकी जरूरत बन गया है. नौबत यहां तक आ जाती है कि समय पर इंजेक्शन न दिए जाने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.
हालांकि, यह इंसुलिन हमारे शरीर के अंदर ही मौजूद होता है. यह एक तरह का हार्मोन है, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है और खून में मिलकर ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित करता है. जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन ठीक से नहीं होता, तब हम शुगर के मरीज बन जाते हैं और हमें अलग से इंसुलिन का इंजेक्शन लेने की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं दुनिया में सबसे पहला इंसुलिन का इंजेक्शन किसे दिया गया था और उस मरीज के साथ क्या हुआ था...
1921 में हुई थी खोज
इंसुलिन की खोज 1921 में की गई थी. कनाडा के सर्जन डॉक्टर फ्रेडरिक बैटंग और उनके असिस्टेंट चार्ल्स बेस्ट ने टोरंटो यूनिवर्सिटी में इंसुलिन को अलग किया था. इसके बाद 1922 में दोनों ने मिलकर इंसुलिन का इंजेक्शन बनाया था, जिसके लिए उन्हें 1923 में नोबेल पुरस्कार भी मिला था.
इस मरीज को दिया गया था पहला इंजेक्शन
इंसुलिन का पहला इंजेक्शन 11 जनवरी, 1922 को 14 साल के लियोनार्ड थॉम्पसन को दिया गया था. वह शुगर के पेशेंट थे. हालांकि, पहली बार लगाया गया इंजेक्शन सफल नहीं हुआ था. इसके बाद उन्हें दूसरा इजेंक्शन दिया गया. दूसरा इंजेक्शन लेने के बाद थॉम्पसन की सेहत में तेजी से सुधार हुआ था.
तेजी से फैल रहा डायबिटीज
बिगड़ती लाइफस्टाइल, खानपान और बेतरतीब वर्क कल्चर के वजह से दुनिया में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में डायबिटीज से पीड़ित कुल वयस्कों की संख्या 82.8 करोड़ थे. इसमें एक चौथाई हिस्सा भारत में मरीजों का है. भारत की बात करें तो वर्तमान में करीब 7.7 करोड़ डायबिटीक मरीज हैं. एक अनुमान के मुताबिक, 2045 तक डायबिटीक मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिलेगी. विशेषज्ञों के अनुसार, हर 5 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत डायिबिटीज की वजह से होती है.
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