World Hello Day: हैलो एक आम शब्द है, अक्सर जब आप फोन कॉल का जवाब देते हैं तो शुरुआत अभिवादन से होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विश्व हैलो दिवस हर साल 21 नवंबर को मनाया जाता है? हम हर दिन अनगिनत बार 'हैलो' का उपयोग करते हैं. दोस्त से बात करनी हो या घर वालों को कॉल पर याद करना हो. किसी के खुशी में शामिल होने जाना हो या गम में साथ निभाने. बातचीत की शुरुआत इसी से होती है. क्या आपने कभी इसके बारे में सोचा है इसकी उत्पत्ति रोजमर्रा की भाषा में कैसे हुई थी? आज आपके इन सभी सवालों के जवाब इस स्टोरी में मिलने वाले हैं.
विश्व हेलो दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
1973 में योम किप्पुर युद्ध के दौरान एक संघर्ष में हजारों सैनिकों और नागरिकों दोनों की जान चली गई. जब युद्ध समाप्त हुआ तो 'हैलो' शब्द शांति और सद्भावना की पहली अभिव्यक्ति के रूप में उभरा, जो विश्व हैलो दिवस की शुरुआत का प्रतीक था.
इसका महत्व क्या है?
ऐसा माना जाता है कि हैलो कहने से व्यक्तियों के बीच आपसी शत्रुता दूर हो जाती है. इस दिन ने तेजी से दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की, अब यह 180 देशों में मनाया जाता है. 'हैलो' न केवल अभिवादन के रूप में बल्कि बातचीत की आसान शुरुआत के रूप में भी काम करता है. इसे विश्व हैलो दिवस के नाम से भी जाना जाता है.
फ़ोन पर 'हैलो' का इस्तेमाल क्यों?
कथित तौर पर ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया था. उनकी प्रेमिका का नाम हैलो था, और टेलीफोन के आविष्कार पर उन्होंने पहला शब्द 'हैलो' कहकर उसका नंबर डायल किया. तब से फ़ोन कॉल करते समय 'हैलो' पारंपरिक अभिवादन बन गया. चूंकि हैलो शब्द अभिवादन के लिए भी इस्तेमाल होता है, इसलिए इसमें कोई बदलाव भी नहीं किया गया, और यह आज तक चलता आ रहा है.
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