World's Highest Railway Bridge: लंबे इंतजार और कड़ी मेहनत के बाद दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल (चिनाब रेलवे पुल) भारत के जम्मू कश्मीर में बन तक तैयार हो गया है. आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के अवसर पर जब देशवासी पूरे शान से हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga) में गर्व से भाग ले रहे हैं, जम्मू कश्मीर में मिली इस उपलब्धि ने देशवासियों का दिल एक बार फिर अभिमान से भर दिया है.


इस वक्त पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं, दुनिया के सबसे ऊंचे पुल चिनाब रेलवे ब्रिज पर. इस पुल की खासियत सिर्फ इतनी नहीं है कि यह दुनिया का सबसे ऊंचाई पर बना रेल पुल है. बल्कि इस इंजीनियरिंग मार्वेल से जुड़ी कई दिलचस्प तथ्य हैं जिसे पढ़ते-पढ़ते किसी भी भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाए. एक नजर दिलकश चिनाब रेल पुल की दिलचस्प खासियतों पर...



  • चिनाब नदी पर बना रेलवे ब्रिज 3 किलोमीटर लंबा और  1,178 मीटर ऊंचा है.

  • जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों को जोड़ते इस पुल का एक हिस्सा रेयासी (Reasi) और दूसरा हिस्सा बक्कल, उधमपुर में है.

  • यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है. वर्तमान में चीन ते शुईपई नदी पर बना पुल 275 मीटर ऊंचा है. लेकिन चेनाब रेल पुल नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है.

  • बादलों के ऊपर और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच शान से खड़ा यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाले हवा का भी मुकाबला कर सकता है.

  • यही नहीं, इस पुल को इस तरह बनाया गया है कि अगर रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता से भी भूकंप आए तो इसका बाल भी बांका नहीं होने वाला.

  • कंक्रीट और स्टील से बने इस पुल को ब्लास्ट-प्रूफ बनाने में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) से परामर्श लिया गया.

  • निर्माण कंपनी का दावा है कि यह पुल करीब 120 साल तक खड़ा रह सकता है.

  • इस पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है.

  • चिनाब रेलवे पुल में कुल 17 पिलर हैं. इसमें 28,660 मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है.

  • चिनाब रेलवे पुल को उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (Udhampur Srinagar Baramula Railway Link) प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है. इस पुल को 28,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.

  • इस पुल का निर्माण कार्य साल 2004 में शुरू हुआ और साल 2009 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया. लेकिन सुरक्षा सुरक्षा के लिहाज से कई बार प्रोजेक्ट साइट पर काम रोका गया. साल 2022 में जब देश आजादी का 75वां उत्सव मना रहा है, देश को इस रेल पुल के रूप में सौगात मिली है.


शनिवार को  चिनाब पुल के दोनों सिरों को जोड़ने का काम पूरा कर लिया गया है. "द गोल्डन ज्वॉइन्ट" (the Golden Joint) का लक्ष्य पूरा होते ही इस बहुप्रतिक्षित परियोजना का करीब 98 फीसदी काम पूरा हो गया है. उम्मीद है कि साल के अंत तक इस पर रेल यात्रा भी शुरू हो जाएगी.


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