दुनिया के इस देश में हैं सबसे ज्यादा साइकिल, आंकड़ा इतना अधिक कि आबादी भी रह जाती है पीछे
नीदरलैंड्स दुनिया का ऐसा देश हैं, जहां की कुल आबादी साइकिलों की संख्या से कम है. यहां रोजमर्रा के काम से लेकर दफ्तर तक की यात्राएं करने के लिए लोग साइकिल का ही ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.
![दुनिया के इस देश में हैं सबसे ज्यादा साइकिल, आंकड़ा इतना अधिक कि आबादी भी रह जाती है पीछे world-largest-bycycle-than-population-in-netherlands दुनिया के इस देश में हैं सबसे ज्यादा साइकिल, आंकड़ा इतना अधिक कि आबादी भी रह जाती है पीछे](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/27/b0517425710b64af07e6813a1422d0b41703672037433887_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
दुनिया के सबसे स्लिम और हेल्दी देश का तमगा नीदरलैंड्स को मिला है, लेकिन इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है मोटर गाड़ियों की अपेक्षा साइकिल का ज्यादा इस्तेमाल. बहुत कम लोग ही जानते हैं कि नीदरलैंड्स की जितनी आबादी है, उससे ज्यादा वहां पर साइकिलें (most bicycles) हैं. रोजमर्रा के काम से लेकर ऑफिस जाने तक के लिए डच लोग सिर्फ साइकिल का ही उपयोग करते हैं.
आबादी 1.7 करोड़, साइकिलें 2.4 करोड़
डच लोग साइकिल चलाने को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं. नीदरलैंड में लगभग 17 मिलियन (1.7 करोड़) लोग रहते हैं और कुल मिलाकर उनके पास करीब 24 मिलियन (2.4 करोड़) साइकिलें हैं. वे अपनी जरूरतों के आधार पर छोटी और लंबी दूरी की यात्रा करते हैं. बच्चे साइकिल से स्कूल, हाउस वाइफ सुपरमार्केट, कामकाजी लोग दफ्तर और बुजुर्ग फिट रहने और मनोरंजन के लिए साइकिल चलाते हैं.
सालाना 1000 किलोमीटर साइकिल चलाते
किलोमीटर के लिहाज से देखा जाए तो औसतन एक डच नागरिक सालाना 1000 किलोमीटर की यात्रा करता है और पूरी आबादी के लिए ये आंकड़ा प्रतिवर्ष करीब 15 अरब किलोमीटर तक चला जाता है. दुनियाभर में नीदरलैंड्स अपने बेहतरीन साइकिल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पहचाना जाता है. देश में लगभग 28 प्रतिशत यात्राएं साइकिल से ही की जाती हैं. देश की सरकारों ने साइकिल चलाने वालों के लिए सुविधाएं और रास्ते बनाने में खासा निवेश किया है.
साइकिल से दफ्तर जाने की मिलती प्रोत्साहन राशि
यह एक ऐसा देश है, जहां साइकिल से दफ्तर जाने के लिए प्रोत्साहन के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं. जी हां, अगर नीदरलैंड्स में साइकिल से दफ्तर जाते हैं तो प्रति किलोमीटर के हिसाब से 0.22 डॉलर (भारत के हिसाब से करीब 18 रुपये) दिए जाते हैं. इसका मतलब है कि दफ्तर जाने के लिए आपको पेट्रोल-डीजल या मोटर वाहन पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ता, ऊपर से साइकिल से दफ्तर जाने के पैसे भी मिलते हैं. इसी बहाने डच लोगों की एक्सरसाइज हो जाती है और पर्यावरण भी धुएं के प्रदूषण से बचा रहता है.
नरेंद्र मोदी को भी उपहार में दी गई थी साइकिल
डच लोगों को साइकिल चलाने के लिए वहां की सरकार प्रोत्साहित करती है. नीदरलैंड्स में साइकिल खरीदने पर भारी छूट दी जाती है. एम्स्टर्डम में साइकिल चलाने वालों का ही बोलबाला है. इस शहर के रिंग रोड और लेन साइकिल वालों के लिए बड़े नेटवर्क से सुसज्जित हैं. यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री मार्क रूट भी संसद साइकिल से ही जाते हैं. यही नहीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2017 में नीदरलैंड्स की यात्रा पर गए थे तो उन्हें भी उपहार में डच पीएम ने साइकिल भेंट की थी.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)