World's Largest Clock: अब किसी को टाइम देखना हो तो कोई भी तुरंत कलाई पर बंधी घड़ी पर निगाह कर के देख लेता है. लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. पहले समय देखने के लिए सूर्य की रौशनी से अनुमान लाया जाता था. धीमे-धीमे इसके तरीके में विस्तार हुआ. फिर घड़ी का अविष्कार हुआ और समय देखने का पूरा सिद्धांत ही बदल गया. साल 1505 में दुनिया में पहली घड़ी बनाई गई. इस घड़ी का नाम था पोमैंडर वॉच ऑफ 1505 जिसे वॉच 1505 भी कहा जाता था.


इस घड़ी का डिजाइन इसका डायल सब एकदम अलग प्रकार का था. तबसे लेकर अबतक घड़ियां कई अलग-अलग प्रकार से बनाई जाने लगी. इनके अलग-अलग तरीकों के सामान इस्तेमाल होने लगा. इनके साइज भी अलग तरह के आने लगे. आज हम आपको बताने जा रहे हैं. दुनिया की सबसे बड़ी घड़ी के बारे में चलिए जानते हैं क्या है उसकी खासियत.


क्या है इस घड़ी की खासियत?


दुनिया की सबसे बड़ी घड़ी का बात की जाए तो यह सऊदी अरब में मौजूद है. सऊदी अरब के शहर मक्का में बनी इस घड़ी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी जगह मिली है.  इस घड़ी का नाम 'अबराज अल बैत क्लॉक' रखा गया है.


इस घड़ी का साइज इतना बड़ा है कि इसे बनाने के लिए 10 साल का वक्त लग गया. बता दें यह दुनिया का सबसे ऊंचा क्लॉक टावर है. इसकी ऊंचाई इतनी है कि अगर कोई 25 किलोमीटर दूर हैं तो भी इस घड़ी को देख सकता है. 


बनाने में लगे इतने करोड़ 


अबराज अल बैत क्लॉक सिर्फ दुनिया की सबसे बड़ी घड़ी नहीं है. बल्कि यह दुनिया बुर्ज खलीफा और शंघाई टावर के बाद सबसे ऊंची इमारत है. इस इमारत की ऊंचाई की बात की जाए तो कुल 601 मीटर यानी 1972 फीट ऊंची है. इस घड़ी की कीमत की बात की जाए तो इसे बनाने में कुल 123 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.  इसकी सजावट को बढ़ाने के लिए 24 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल किया गया है. इसके साथ ही इसमें 20 लाख एलईडी ब्लब भी लगाए गए हैं. इस घड़ी को मक्का राॅयल क्लाॅक टाॅवर भी कहा जाता है. 


इतना है सुई का वजन


मक्का रॉयल क्लॉक टॉवर में लगी घड़ी की एक सुई का वजन जानकर चौंक जाएंगे आप. इस घड़ी में लगी मिनट की की सुई का वजन 7 टन है. तो वहीं घड़ी की घंटे की सुई का वजन 6.5 टन है. इस घड़ी के कुल वजन की बात की जाए तो वह 21 टन के आस पास है. 


यह भी पढ़ें: आखिर सोलर पैनल से कैसे जनरेट होती है बिजली, यहां समझें पूरा प्रोसेस, क्या इसे घर पर भी बना सकते हैं?