संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी, अभी और बढ़ेगा तापमान... आ रहा है खतरनाक अल नीनो!
El Nino: WMO ने वैश्विक तापमान में होने वाले बदलाव को लेकर चेतावनी दी है. उनके अनुसार, आने वाले महीनों में अल नीनो बढ़ेगा और इसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिलेगा.
![संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी, अभी और बढ़ेगा तापमान... आ रहा है खतरनाक अल नीनो! world meteorological organization warns the temperature will increase further due to El Nino know what is this संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी, अभी और बढ़ेगा तापमान... आ रहा है खतरनाक अल नीनो!](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/05/05/4626cb58e85e8c3a508d20938575c4731683263205743580_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Climate Change: भले ही पिछले कुछ दिनों से मौसम में आए बदलाव के कारण देश सहित दुनियाभर के कुछ हिस्सों में तापमान में बदलाव हुआ हो, लेकिन यह कोई राहत भरी खबर नहीं है. क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. चेतावनी के मुताबिक, आने वाले समय में 'अल नीनो' (El Nino) नामक जलवायु घटना बढ़ेगी. जिसके कारण दुनियाभर में गर्मी नए रिकॉर्ड बना सकती है. आइए रिपोर्ट के मुताबिक जानते हैं, ये 'अल नीनो' क्या है और आने वाले समय में इसके कारण क्या बदलाव (Climate Change) देखने को मिल सकते हैं.
सितंबर तक 80 फीसदी बढ़ जायेगा
Al-Nino एक जलवायु घटना है, जिसमें मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर की सतह गर्म हो जाती है. इससे दुनिया भर के मौसम के पैटर्न में बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं. संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन का अनुमान है कि जुलाई के अंत तक अल नीनो 60 फीसदी विकसित हो सकता है. वहीं, सितंबर महीने तक इसके 80 फीसदी विकसित होने की संभावना है.
इसके कारण क्या होता है?
अल नीनो शब्द का इस्तेमाल मूल रूप से पेरू के मछुआरे एक गर्म महासागरीय प्रवाह को इंगित करने के लिए करते हैं. अल नीनो के कारण दुनियाभर में बारिश का क्रम बिगड़ जाता है. कई इलाकों में भीषण बारिश होती है, तो कई जगहों पर सूखा पड़ता है. आखिरी बार साल 2018-19 में ऐसा देखने को मिला था. इस बार इसके प्रभावी होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
पिछले आठ साल थे सबसे गर्म
साल 2020 के बाद से दुनियाभर में ला नीना प्रभावी रहा है. ला नीना, अल नीनो का विपरीत होता है. इसमें समुद्री सतह का तापमान गिर जाता है. साल की शुरुआत के साथ ही ला नीना का प्रभाव खत्म हो गया है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि ला नीना के बावजूद पिछले आठ साल अब तक के सबसे गर्म साल रहे. अगर यह न होता तो शायद गर्मी और भी खतरनाक होती.
अगले साल दिखता है इसका असर
WMO की चेतावनी के मुताबिक, अल नीनो के कारण गर्मी के नए रिकॉर्ड बन सकते हैं. फिलहाल यह जानकारी नहीं है कि अल नीनो कितना खतरनाक होगा. पिछले अल नीनो को कमजोर बताया जा रहा है. वैश्विक तापमान पर अल नीनो का असर तुरंत देखने को नहीं मिलता है. यह इसके उभरने के 1 साल बाद दिखता है, यानी इसके प्रभाव के असली नतीजे साल 2024 में देखने को मिलेंगे.
यह भी पढ़ें - अमेरिका या पाकिस्तान में कितने रुपये का आता है Parle-G बिस्कुट? सुनकर नहीं होगा यकीन!
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)