दुनिया में जब विज्ञान ने अपने पैर नहीं पसारे थे, तब इंसान बीमारियों के इलाज के लिए पेड़-पौधों से बनने वाली जड़ी-बूटियों पर आश्रित था. विज्ञान जैसे-जैसे परिपक्व होता गया, वैसे-वैसे मानव कल्याण में जानवरों और जीव-जंतुओं की उपयोगिता का पता चलता गया. ऐसा ही एक खतरनाक जीव है बिच्छू, जिसके जहर का उपयोग कई गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है. इसी वजह से यह धरती का सबसे महंगा तरल पदार्थ (Most Expensive Liquid) है, जिसके एक लीटर जहर की कीमत करोड़ों में है.
75 से 100 करोड़ रुपये प्रति लीटर कीमत का जहर
वैसे, बिच्छू का नाम सुनते ही शरीर में एक सिहरन सी आ जाती है, लेकिन जब इसके एक लीटर जहर की कीमत सुनेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे. अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक लीटर बिच्छू के जहर का दाम 75 से 100 करोड़ रुपये होता है. इससे ट्यूमर की पहचान करने से लेकर मलेरिया, कैंसर आदि तक का इलाज किया जा सकता है. साथ ही कई दवाइयों के बनाने में भी इसका उपयोग होता है.
सबसे खतरनाक बिच्छू डेथस्टाकर
दुनियाभर में बिच्छू की 2000 प्रजातियों के बारे में पता चला है, लेकिन इनमें से सिर्फ 40 प्रतिशत ही जहरीले होते हैं. दुनिया के सबसे खतरनाक बिच्छू का नाम डेथस्टाकर (deathstalker) है. इसके जहर की कीमत दुनिया में सबसे अधिक है. यह नॉर्थ अमेरिका और मिडिल ईस्ट में पाया जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिच्छु के एक गैलन जहर की कीमत (3.7 लीटर) करीब 319 करोड़ रुपये है.
कैंसर उपचार के लिए बनाई जाती दवाई
इसी तरह नॉर्थ अमेरिका के क्यूबा में भी एक जहरीला बिच्छू पाया जाता है, जिसका नामकरण अभी तक नहीं किया गया है. इसका रंग नीला होता है. कहा जाता है इसका जहर करीब 75 करोड़ रुपये प्रति लीटर की कीमत पर बिकता है. इस जहर से विडॉक्स (Vidatox) नाम की एक दवा बनाई जाती है, जो कैंसर के उपचार के लिए बेहद कारगर है. इसके उपयोग से कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोका जा सकता है.
बिच्छू एक बार में महज 2 मिलीग्राम ही जहर पैदा करता है और उससे महीने में एक बार ही जहर निकाला जा सकता है. ऐसे में एक गैलन जहर निकालने के लिए एक बिच्छू से 264 लाख बार जहर निकाला जाता है. बिच्छू का जहर निकालने के लिए उसके डंक में बिजली के झटके दिए जाते हैं. हालांकि, ऐसा करना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है क्योंकि इस प्रक्रिया में इंसान की जान का खतरा भी बना रहता है. इसी वजह से इनकी कीमत करोड़ों में होती है.