दुनिया में आज अधिकांश लोगों के पास स्मार्ट फोन और इंटरनेट की सुविधा है. जिसके जरिए वो पल-पल की खबरें जान लेते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि एक समय ऐसा था, जब देश दुनिया से जुड़ी तमाम जानकारियों का एक बड़ा साधन रेडियो था. इतना ही नहीं आजादी के समय 15 अगस्त 1947 के दिन जब देश आजाद हुआ, तो इसकी घोषणा भी रेडियो पर ही की गई थी. उस समय पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक भाषण दिया था जो 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' के नाम से जाना जाता है. आज रेडियो दिवस पर जानिए रेडियो से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
रेडियो लाइसेंस
इंटरनेट युग में आज भले रेडियो सुनने वाले लोग कम हैं. लेकिन एक वक्त था, जब रेडियो रखना लग्जरी लाइफ का हिस्सा था. जिसके घर रेडियो होता था, उसे बड़ा आदमी माना जाता था. इतना ही 1960 से 70 के दशक तक रेडियो रखने के साथ उसका लाइसेंस भी लेना पड़ता था. इस अलावा लाइसेंस को समय से डाकघर जाकर रिन्यू कराना पड़ता था. समय से लाइसेंस रिन्यू नहीं कराने पर फाइन वसूला जाता था. इस फाइन को सरचार्ज के तौर पर लिया जाता था. जानकारी के मुताबिक 1991 तक रेडियो पर यह फीस ली जाती थी.
कितनी थी फीस
पहले के दौर में रेडियो मनोरंजन का बड़ा साधन था. बता दें कि 1960 के दशक में लोगों को ब्रॉडकास्ट रिसीवर्स लाइसेंस (बीआरएल) लेने के लिए हर साल 10 रुपये फीस देनी पड़ती थी. 1970 के दशक में इस फीस को बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया गया था. वहीं 1991 में भारत में रेडियो लाइसेंस को खत्म कर दिया गया था.
आप सुनते हैं रेडियो ?
आजादी के समय 1947 में आकाशवाणी के पास छह रेडियो स्टेशन थे और उसकी पहुंच 11 प्रतिशत लोगों तक ही थी. लेकिन आज आकाशवाणी के पास 223 रेडियो स्टेशन हैं और उसकी पहुंच 99.1 फ़ीसदी भारतीयों तक है. हालांकि अब रेडियो सुनने के लिए लोगों को रेडियो मशीन की जरूरत नहीं पड़ती है. अधिकांश लोग अपनी गाड़ियों में, स्मार्टफोन में रेडियो सुनना पसंद करते हैं.
कब से हुई रेडियो दिवस की शुरूआत
पूरी दुनिया में रेडियो ने एक अहम योगदान निभाया है. जब देश में टेलीविजन,मोबाइल और इंटरनेट नहीं था, उस वक्त देश दुनिया की खबर जानने का मात्र एक साधन रेडियो था. इसीलिए 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया था. जिसके बाद आधिकारिक रूप से पहली बार 13 फरवरी 2012 के दिन रेडियो दिवस मनाया जाता है.
13 फरवरी 1946 में संयुक्त राष्ट्र रेडियो की शुरुआत हुई थी. यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय रूप से रेडियो दिवस मनाने के लिए 13 फरवरी की तारीख को चुना गया था. इसे संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वर्षगांठ के तौर पर भी सेलिब्रेट किया जाता है. हर साल इस दिन की एक थीम निर्धारित होती है. साल 2024 की थीम 'Radio: A century of informing, entertaining and educating' है
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